गर अश्क़ से नकाब हट जाए तो क्या कहने तिरे शहर में रुकने का बहाना जो मिल जाए... ! - DB🅰️rymoulik
गर अश्क़ से नकाब हट जाए तो क्या कहने तिरे शहर में रुकने का बहाना जो मिल जाए... !
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