30 OCT 2019 AT 20:21

अख़्ज़ जो हुए जज्बातों के, आजाब ए जज़्बात हुए.. !
तन्हाइयों का शुरुर देकर वो फिर अर्जमन्द हुए.. !

- DB🅰️rymoulik