आज पोछ रहें अश्क़ अकेले में जो कभी हजारों में मुस्कुराया करते थे... ! - DB🅰️rymoulik
आज पोछ रहें अश्क़ अकेले में जो कभी हजारों में मुस्कुराया करते थे... !
- DB🅰️rymoulik