छोड़ आया हूँ उन्हें वही 21 में,
जो लोग 22 में आने लायक न थे।।-
ये खुशबुएँ मुझे घर का पता बता देंगी
मैं जानता हूँ कि मैं तेरी रहगुज़ार में हूँ।🥀-
बर्बाद हुए जिस शहर मे हम चंद मोहब्बत के लिए
सुना है वहाँ के पत्थरों को भी हम से मोहब्बत हो गई है।-
अब छोड़ दिया है “इश्क़” का “स्कूल” हमने भी
हमसे अब “मोहब्बत” की “फीस” अदा नहीं होती।🥀-
उसने कहा था ✧ इश्क़ ढोंग है मैंने कहा
तुझे इश्क़ हो ✧ ख़ुदा करे
कोई तुझ को उस से जुदा करे
तेरे होंठ हंसना भूल जायें
तेरी आंखें पुरनम रहा करें
तू उस की बातें किआ करे
तू उस की बातें सुना करे
तुझे इश्क़ की वो झड़ी लगे
तू मिलन की हर पल दुआ करे
तू गली गली फिरा करे
तू नगर नगर सदा करे
तुझे इश्क़ हो फिर यक़ीन हो
उसे तस्बीहों पे पढ़ा करे
फिर मैं कहुँ इश्क़ ढोंग है
तू “नहीं ” “नहीं ” ✧
कहा करे।-
अगर कोई सच्चा हमसफ़र बन जाता हैं
ज़िन्दगी का सफ़र आसान हो जाता है।🥀-
जैसे तुझे आते हैं, न आने के बहाने,
ऐसे ही किसी रोज़ न जाने के लिये आ।-