जो कल्पनाएं कभी अपनी थी,
जिन्हें मिलकर साथ निबाहना था,
वो भी अधूरी रह गयी||-
Deepa Sharma
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Joined 9 May 2020
17 AUG AT 18:43
17 AUG AT 18:07
17 AUG AT 17:49
एक तू ही तो है,
जो सब जानता है..
एक तू ही तो है,
जिससे मिलन की आस है||-
6 APR AT 1:07
इज़्ज़त के लिए दूसरे का घर छोड़ा,
जो घर कभी अपना था..शायद अब उसकी बारी है...-
6 APR AT 0:47
कभी-कभी रोने के लिए
आँसू भी..कम पड़ते हैं,
और ईक कतरा भी बह जाना गुनाह हो जाता है.....-