उम्मीद ने बड़ी उम्मीद से कहा मुझसे इतनी उम्मीद न रखा कर
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की डोर ओरो तक ना ले जाएं
वरना उलझन की डोर सुलझाना मुश्किल कर देगी..
सलाहें तो सब देंगे परंतु स्वयं का साथ
देने के भागीदारी आप स्वयं ही होते हैं..-
ये उम्र भी एक ऐसा सफर है जिसमे उम्र भी कई परिस्थितियों से होकर गुजारती हैं..
कमाने के जरिए तो ढूंढ ही लेता है व्यक्ति पर रुतबा ए ज़िन्दगी दौलत दुगना कर देती है..-
एहम विचारों से सजी हुई है
इसमे शामिल तो हर कोई होना चाहता है
किन्तु समझने का प्रयास किसी मे नही..-
दो किनारो सा साथ हमारा..
मगर किस्मत इतनी अच्छी नही
एक दुसरे के साथ होकर भी..
कभी एक हो सकते नही
चल रहे है साथ मगर..
हमसफर बन सकते नही
रास्ते दोनो के एक साथ है..
मगर मंजिले दोनो की साथ नही
दोनो के शरीर अलग है..
मगर सांसो की डोर नही
हाँ नही है हमारे सर की छत एक
पर ये प्यार रहेगा हमेशा एक साथ कभी टूटेगा नही..-
एक डोर सी है तेरे मेरे दरम्यान
जो बनती है
उलझती है
सुलझती है
पर टूटती कभी नहीं
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जिस तरह में तरस चुकी हूं खुदा उसके लिए
वो भी मेरे हर दीदार को तरस जाए-