मोहब्बत थी मैं उसकी, मेरी याद तो आएगी....!
एक अरसे से मैंने उसे देखा नही
महसूस तो किया है पर छुआ नही
चाहती थी आखिरी सांस तक साथ रहे उसका
कोशिस की पर हुआ नही
कुछ तो बात थी उसमें
यही सोच ना जाने कबतक मुझे जलायेगी
मोहब्बत थी मैं उसकी, मेरी याद तो आएगी.....!
भरोशा उठ गया प्यार से पर टूटा नही
निकाल दिया है ज़िन्दगी से उसने पर मोह छूटा नही
याद वो भी करता होगा मुझे या नही, नही जानती
पर उसकी यादें ना जाने कबतक मुझे रुलायेगी
मोहब्बत थी मैं उसकी, मेरी याद तो आएगी......!!
जिस्मानी खेल नही खेला हमने, दिल तक ही रेह गए
कुछ खट्टी-मीठी यादें थी उसी के सहारे रेह गए
यकीन है हमें वो यादें कुछ तो रंग लाएगी
मेरी महसुसीयत उसकी भी तोते उड़ाएगी
मोहब्बत थी मैं उसकी, मेरी याद तो आएगी.....!!!
अपनी नादानियों से खोया मैंने उसे
उसे बेवजह चाहने की आदत थी
उसका मेरे साथ रहना ही काफी था शायद
पर उसे चाहना मेरी इबादत थी
मेरा इश्क़ था परिंदा जैसा
किसी 'मौसम' मे तो उड़के उसके पास जाएगी
मोहब्बत थी मैं उसकी कभी तो उसकी याद आएगी.....
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