रो पड़ती हैं आंखें हमारी तस्वीर देखकर आपकी,
ज़िंदगी ऐसी जी गए की मौत भी शर्मा गई l
ज़िंदगी जी छोटी मगर सबसे अच्छी जी गए,
हर जगह सुगंध फैलाकर स्मृति सबके दिलों में रख गए l
पापा हम भी आपके साए मैं जीना चाहते थे
अपना स्नेह एवम आशीर्वाद हम सब पर बनाएं रखना 😔🙏🙏-
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£>accha lagta h likhna... read more
ये सर्द हवाएं ये ओस के कतरे
लगता है अब दर्द हुआ है "जनवरी" को
"दिसंबर" तेरे जाने का-
है जगह पुरानी पुरानी
फिर से हो वही कहानी
खफा थी जो पहले क़िस्मत मेरी
अब खुलकर करेगी महरबानी-
धीरे धीरे धीरे चांद से मिलता सितारा
धीरे धीरे धीरे धार से मिलता किनारा
धीरे धीरे धीरे मैं हो जाऊं उसकी
दिल को लगता जो प्यारा
धीरे धीरे धीरे
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अपने अंदर झाँक के देखा
एक शिवा तेरे कुछ न देखा
ख़्वाब भी आए तो तेरे आए
मैने अपने हिस्से का कुछ न देखा
यूंही नहीं देखी मैंने अपनी नम आंखें
देखा तो तेरा हंसता हुआ चेहरा देखा-
हक़ीक़त से दूर थे हम
बहुत मजबूर थे हम
गमों से चूर थे हम
उसने बहुत दूर थे हम
किसी की यादों में मसरूफ़ थे हम
कहीं बीते हुए कल मैं खोए थे हम
कहीं उलझनों में मगरूर थे हम
जब पता चला कि महज़ एक छलावा था ये
तब ऐहसास हुआ कि
हक़ीक़त से कितने दूर थे हम-
मोहताज़ नहीं है ये चेहरा किसी श्रंगार का
इस चेहरे पे ये सादगी ही काफी है।
जब जब सोचकर मुस्कुराती हूँ उन्हें
तो ख़ुद ब ख़ुद ही सवर जाती हूँ।-
चाँद को देखकर मेरे शहर के हर घर मै ईद हो गई
और मै तरसती रह गई अपने चाँद के दीदार को-
अश्क़ ऐ नादाँ से कहो बाद मै पछतायेगे|
आप गिरकर मेरी आँखों से किधर जायेंगे||-