जब सोच ही लिया है तो अच्छाई न देखो मेरी !
तुम्हारा हौसला बना रहे प्रयास मैं भी करूँगा ! !— % &-
इसे भी मेरी ग़लतियों में शामिल किया जाय ! !
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इज्ज़त न घटे तुम्हारी सो मना नहीं किया हमनें !
तुमको मौका दिया अब ना कर सकते हो तुम ! !— % &-
यहाँ कितने ही मौके दिये हैं डूब जाने के !
पर बचने का रास्ता ही मुझे ढूँढ़ लेता है ! !-
ख़त्म करनी है ये रिवायत सज़ा देने की !
गलतियाँ जो भी हुईं मैं माफ़ करता हूँ ! !-
आज़ादी के बलिदानों से पूरा हिंद गूँजेगा !
समर में जीत के नारों से पूरा हिंद गूँजेगा ! !
भारत माँ के वीरों में अभी भी जोश इतना है !
तिरंगा हाँथ में, आकाश में जय हिंद गूँजेगा ! !
दिल दहल जायेगा यूँ नींदे उड़ेंगी दुश्मन की !
हमारे देश के हर सर से जब जय हिंद गूँजेगा ! !
🇮🇳 वन्दे मातरम 🇮🇳
🇮🇳जय हिंद 🇮🇳 जय भारत 🙏❣️-
इतनी ईर्ष्या, क्रोध और घमण्ड है तुम्हें !
मैं बहुत शांत हूँ सह नहीं पाओगे मुझे ! !-
यूँ किसी से मिलना भी नहीं चाहते !
हमारा सब से अब जी भर गया है ! !-
यूँ गिरो तो कम से कम इतना नीचे गिरो !
कि चाह कर भी कभी न देख पाएँ हम ! !-
ये उलझनें, बेचैनियाँ, बिना नींद के गुज़री हुई रातें
मुसाफ़िर हूँ तो क्या हुआ सबका हिसाब करूँगा मैं-
एक अजीब कश्मकश सी है मुझमें !
मेरी ज़िंदगी भी आहत सी है मुझमें ! !-