जो शख्स चूमता होगा तेरा जिस्म अब
दिखते होंगे उसे भी तेरे माथे पे मेरे होठों के निशा
कोशिशें तो लाख की होंगी तूने इन्हे मिटाने की
लेकिन पीछा नहीं छोड़ेंगे तेरा मेरे होठों के निशा
जाते वक्त सारे तोहफे लौटा दिए थे तूने
फिर क्यूं ना लौटा पाई तू मुझे मेरे होठों के निशा
फक्त एक रास्ता है इन्हे माथे पर से मिटाने का
कि तेरे होठों पर मैं दे दू तूझे मेरे होठों के निशा-
न जाने कितना धुआं मेरे सीने में भरा हुआ है
सिगरेट नहीं पीता मैं बस मेरा दिल जला हुआ है।
अब इस उदास सी जिंदगी की वजह भी खुद हूं मैं
दोस्ती के बीच लाकर इश्क़ किसका भला हुआ है।
न हस्ता है न मुस्कुरुता है न बोलता है, यकीन मानो
मेरे सामने आईने में खड़ा वो आदमी मरा हुआ है।-
इश्क, ख्वाब, नींद सब अधूरे छूट गए
नौ घंटे की शिफ्ट पूरी करने के खातिर-
पूरे साल करता हूं बारिश का इंतज़ार
फिर वो दो महीने खुल के रोता हूं मैं।-
खुद को खुश देखने का तरीका ढूंढ लिया मैंने।
तेरी तस्वीर के साथ ही आईना रख दिया मैंने।।
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गिलास में डाली शराब तो गिलास डोलने लगी
भरी महफिल में मेरी ज़ुबां मेरे राज खोलने लगी।।
और तेरी तस्वीर को देखा मैंने इतनी देर तक
'बस भी करो अब' ये तेरी तस्वीर बोलने लगी।।-
नींद से बोझिल अपनी आंखों को जगा रखा है
तेरी याद में तकिए को गले लगा रखा है।।
जो मैं सो जाऊं तो बढ़ जाती है तकलीफ मेरी
तूने मेरे ख्वाबों में अलग कोहराम मचा रखा है।।
एक तेरे दीदार के इंतजार में जिए जा रहे हैं हम
वरना इस कमबख्त दुनिया में ऐसा भी क्या रखा है।।-
कोई रास्ता न था उसके करीब रहने का तो कह दिया झूठ
कि हां हम सिर्फ़ दोस्त बनकर भी रह सकते हैं।।-
तमाम कोशिशें बेकार हो गई जानने की खुद को।
अब जब भी मिलता हूं मैं अनदेखा करता हूं खुद को।।
मैं ही था जो इस नादान दोस्ती में मुहब्बत ले आया।
अब ये बात मैं समझाऊं उसे या समझाऊं खुद को।।-
मेरी इन नजरों ने आज शर्मिंदा कर दिया मुझे
वो साथ थी मेरे और मैं ताज़ देखता रहा।।-