DEEKSHA SHARMA   (Deeksha ✍)
794 Followers · 254 Following

read more
Joined 21 September 2021


read more
Joined 21 September 2021
21 OCT 2022 AT 21:48

भरोसा पूरा है तुम पर ,
पर न जाने क्यो इतना डर रहे है।

हम सब कुछ अपना छोड़ ,
बस एक तुम्हे 'साँवरिया' पूज रहे है।

-


15 OCT 2022 AT 23:45

सुनो न साँवरिया...❤

आज दो लफ्ज तुम्हारी तारीफ मे लिख दूं,
या बस तुमको देख हमेशा की तरह मुस्कुरा दूं।

आज फिर कुछ किस्से तुम्हारे याद कर लू,
या बस उस चांद को देख तुम्हारी कमी दूर कर दूं।

-


1 OCT 2022 AT 0:23

।। हमे एक लगन तेरी ऐसी लगी।।
।। के मोह सबसे छूट गया ।।

।। हम दर्द तुझसे जो कहने लगे ।।
।। तू हमदर्द मेरा यूं बन गया ।।

।। गुनगुनाते है जब संगीत तेरे ।।
।। मेरा अंग -अंग तेरे रंग मे रंग गया ।।

।। होकर साँवरिया भक्ति मे तेरी ।।
।। तेरी शक्तियो का अहसास भी हमे हो गया ।।

।। खोकर बस सूरत मे तेरी ।।
।। हमे अब खुद ही खुद का होश न रहा ।।

।। बस हमे लगन ही तेरी ऐसी लगी ।।
।। हमने अपना सबकुछ बस तुम्हे मान लिया ।।

।। जय श्री कृष्णा 🚩 ।।


-


29 SEP 2022 AT 9:32

एक तुझसे नैना जोड़ ,
मैने अपने नैना मोड़ लिए,

एक तुझसे नाता जोड़,
मैने रिश्ते सारे तोड़ दिए,

तेरे प्रेम मे कुछ यू खोए साँवरिया,
दिन और रैन मैने तेरे ऊपर वार दिए,

मैने ओढ़ी तेरी स्नेह की ओढ़नी,
मेरा जी कही और अब न लगे,

मै बाबरी हो गयी भक्ति मे तेरी,
मेरा कन कन कृष्ण कृष्ण कहता है,

तू छेड़ा न कर कोई राग यू,
तेरा इश्क लहू बन बहता रहे,

तू देखा न कर यू करके नज़रे,
मेरा शीश शर्म से अब न उठे,

तू बैठा न कर यू आकर इतने करीब,
मेरा दिल अब कही मचलता फिरे,

न किया कर स्पर्श तू यू रूह ,
तेरे स्पर्श से शरीर से रूह भी अब कापने लगे।

-


26 SEP 2022 AT 11:43

मैं मायूस होती हूँ,
वो मुस्कुराकर उदासी दूर कर देती है।

मैं अकेले होती हूँ,
वो ह्रदय के पट खोल देती है।

मैं भटक जाती हूँ कभी राह,
वो सही दिशा दिखा देती है।

मैं हो जाती हूँ जब परेशान,
वो प्रेम से हाथ सर पर रख देती है।

और वो है तो सबकी जननी ,
पर लाड़ में मैं उसको "मां" बोल देती हूँ।

-


22 SEP 2022 AT 14:05

था घबराया थोड़ा सहमा ।

-


18 SEP 2022 AT 22:29

मैने खुद को खुद के पास किया

न रही आस तेरे मेरे दरमियाँ
कुछ यूँ बेरूखी सा अहसास किया


-


16 SEP 2022 AT 22:01

बड़ी गहरी पर शान्त होती है ,
ये आंसुओ की जुंबा बड़ी दर्दनाक होती है ।

बैठे हो तन्हा... समुद्र से भी बाते करती है,
बोलती नही कुछ.. बस पानी सी बहती है ।

ये आंसुओ की है जुंबा जो बड़ी दर्दनाक होती है

-


17 AUG 2022 AT 12:51

बाढ़

डूब गयी हस्तियां,
बिखर गयी बस्तियां।

बह गए सारे अरमां,
बन पानी ,
नदी , झरना।

ना कही बांध मिला ,
ना पड़ा कोई टूटा पेड़।

रो रहा गरीब,
देख अपने सपनो का ढेर।

वो झोपड़ी भी न रही ,
जिसमे तमाम ख़्वाहिशो का था मेल।

ना रहा वो शहर ,
ना गलियो की वो दोपहर ।

ना रही शाम की वो पहल ,
ना ही रातो की चबूतरो पर चहल पहल।

आखिर मिट ही गयी वो हस्तियां,
जिनसे रोशन थी कई बस्तियां ।

-


12 JUN 2022 AT 23:31

कुछ यूं रूठेगे इस दुनिया से के परछाई भी ढूँढ न पाओगे,
जो सताते हो न सब फिर कभी शक्ल भी न देख पाओगे।

-


Fetching DEEKSHA SHARMA Quotes