26 JUN 2019 AT 22:03

काश मौत ही आ जाए ।
अब मन नहीं जीने का
जिसपे भरोसा था वो उदास हो बैठा।
अब हक भी किसपे जताए ,
मन भारी लिए फिरते है।
बस अब आंख ही बन्द हो जाए।

- DeEksha Pant