बाबा त्यौहार वही है,
रोशनी वही है,
रंगते वही है,
बस अब वो रोनक नहीं रही,
बस हम अब वो नहीं रहे,
बाबा बस अब आप साथ नहीं रहे-
Writing is everything for me. When there is no one aroud u, this is ... read more
उसने मुझे अपनी बातों से अपने इलजामों से मारा है,
पर उसे मेरी खामोशी बर्बाद कर गयी.-
कहो कैसा है बरबादियो का मंजर ,
सुना है खुद को आंसुओं में डूबो बेठे हो,
मेरे हर एक आह का जवाब देना होगा तुम्हे ,
मेरे हर जख्म का बदला देना होगा तुम्हे
कहो कैसा है बरबादियो का मंजर.-
भीड़ में भी वो तन्हा ही रहा
शोर में भी वो खामोश ही रहा
गेरो में अपनो को ढूंडता
वो ज़माने का अपना पर
खुद से अंजान ही रहा.-
जाने किस नशे में वो ज़िन्दगी गुजार रहे थे
अहंकार में डूबे एक उम्र बिता रहे थे,
खामोशी से आयी और चुपके से ले गई,
ये मौत है साहब ना मेरी ना तेरी.-
अक्सर ढूंडा करता है वो मुझे निंदो में
चादर ओढ़ फिर लिपट कर सो जाता है.-
बहुत रुमानी सी है वो
शाम में बेहती तेज हवा जैसी,
बारिश की ठंडी बुंदो जैसी
सर्द रातों में आग की तपिश जैसी,
मेरी पेहली मोहब्बत है वो
बहुत रुमानी सी है वो.-
सुना हैं बहुत बेचेंन हैं वो
अभी कहाँ बरबादियों का मौसम शुरू हुआ हैं-