प्रेमिका को खुश देखने के लिए,
अपने प्रेम से मुक्त करना ही,
अन्त प्रेम का प्रणाम है।-
Journalist
Be real
प्रेमिका को खुश देखने के लिए,
अपने प्रेम से मुक्त करना ही,
अन्त प्रेम का प्रणाम है।-
पहले बात नहीं होती थी इसलिए लडाई होती थी,
और अब बात होती है तो सिर्फ लडाई होती है।
रिश्तो के फासले-
हम कल जैसे थे आज भी वैसे है,
फर्क ये है, कल आप थे आज अकेले है।-
इतने पास ना जाओ की सम्मान घट जाए,
और इतने दूर भी मत जाओ की स्नेह खतम होजाए।-
नहीं बदल सकते हम
खुदको औरो के हिसाब से,
एक लिबास मुझे भी दिया है,
खुदा ने अपने हिसाब से-