एक माफी मुझे भी दीजिए। अगर दिल दुखाया है मैंने तो उसकी सज़ा भी मुझे दीजिए। मुझसे जो ख्ताएँ हुई है उनकी सज़ा भी मुझे दीजिए। हुई हो अगर गलती से भी कोई गलती तो मुझे माफ कर दीजिए।
दिल को सुकून एक पल भी कहा आता है। बाहरी जख्मों से ज्यादा दिल का दर्द याद आता है। अंदर दिल रोता बाहर चेहरा मुस्कुराता है। बेचैनियों के सफर में सुकून की तलाश में भटकता है। जब दर्द हद से गुज़र जाता है,कांटो से भरे रास्ते भी यूँहीं गुजर ही जाते हैं।
जिंदगी-ए-सफर में बेसफ़र हों गया है रास्ता चलते चलते खो गया है कहीं मेरा रास्ता। राहों पर तन्हा चलना सिखा दिया है सफ़र ने चलते चलते राहों मे हुए कुछ सफ़र से बेसफर फिर न मंज़िल नसीब हुई न रास्ता ही खत्म हुआ।
अपनी ही बातों में खोया मन अपनी ही परेशानियों में परेशान होता मन अपनी ही तंहाइयों में तन्हा होता दिल अपने ही ग़म्मों में खुद को और गम में डालने वाला मन बढ़ती इन बेचैनियों को घटाने वाला मेरा मन मन ही उलझन में डालें, मन ही उलझन से निकाले। अपने ही ख्यालों में खोया हुआ तन्हा मन ऐ मेरे मन यूँ ना उलझा इतना खुद मे की के तुझ में ही उलझती ही जाऊं।
Like a fragrant rose, whose fragrance remains forever, your love makes me fragrant, in which my whole world resides, you are like my heart, my world, as long as you are there, I am