माँ...
(Read Caption)-
बातें छुपाना तेरे लिए ज़रूरी है,
तो शक करना भी मेरी मज़बूरी है,
तू खुश रहे हमेशा ये तेरी ज़िन्दगी है,
मेरी कहानी तो अधूरी थी और अधूरी है...-
ये चांदी है कोई सोना नहीं है,
मेरा दिल एक दिल है कोई खिलौना नहीं है,
मैं उस कातिल की बस्ती में क्यूं घर बनाऊं अपना,
मुझे इस डियर ज़िंदगी की कश्ती को डुबोना नहीं है...-
तुमने तो जीना भी शुरू कर दिया गैरौं के संग,
मगर हम चैन से सो भी न पाए तुम्हारे बिन...-
न्याय की मांग जब खून से होती है,
तब ऑपेरशन सिंदूर जैसे निर्णय इतिहास में लिखे जाते हैं...-
कर दिया था दिल हमने तेरे हवाले,
छुपा कर के मेरी अमानत रखना...
बिछड़ कर भी न बिछड़ना कभी,
मेरे ख्वाबों में आने की आदत रखना...
न रखना गिला तुम हमसे जरा भी,
न दिल में शिकवे शिकायत रखना...
इतनी सी हम पर इनायत रखना,
ये किस्से और मेरी याद सलामत रखना...-
बचपन का मेरा पसंदीदा खेल था छुपन छुपाई,
मुझे अच्छा लगता था छुप जाना,
पर मैं जितना भी छुप जाता,
जो ढूंढ रहा होता था,
वो मुझे ढूंढ ही लेता था...
वो खेल यूंही चलता रहा,
और मैं बड़ा हो गया...
फिर न जाने मैं कहां छुप गया,
कि मैं किसी को मिला ही नहीं,
.
.
ख़ुद को भी नहीं...-