डॉ.सुनील यादव'साहित्यिक'   (©सुनील यादव'साहित्यिक'💱)
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Joined 15 August 2020


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जो इंतजार करता उसको दर्द का पता चलता है
जो इंतजार करवाता उसको भी पता चलता है

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"जिनको शहर जाने की बहुत जल्दी थी
अब वो गांव आने के लिये तरस रहें हैं।"

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में सब समेटे हुए हैं।

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I will make you happy every moment😊sunil🎊

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ख़ुदा से इक मिन्नतें सलामती की जरूर करना
जिंदगी में यूंही ज़ीनत जारी रहे इंसान बनना

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Feeling's ......
When you feel the earth, sky, river, mountain, trees and plants, you connect with the original nature and feel a different kind of attachment. There is some power beyond you, at whose blessings you are living."
✍️©️Sunil yadav 'sahityik'🌱

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"कुछ लोग यू ही नही चले जाते हैं"

वो आपकी यादों में
आपके दिलों में
घर बनाकर जाते हैं
कुछ लोग यू ही नही चले जाते हैं
एक- एक दिन अपना
एक -एक पल
आपके साथ वितायें पल
सब कुछ सौप जाते हैं
जिंदगी भर के एहसासों को
हर अपनापन की थापों को
जिसने- जिसने पाया
हर पल बने रहे परिवार की छत्रछाया
बस सबको देकर चले गए अपनी माया
कुछ लोग युही नही चले जाते है
दिल दिमाग रूह में घर बनाकर जाते है
अपनो के लिये
जीवन भर की किताब लिख जाते हैं
बस याद याद .....आते हैं👏❤️🙏🏻💐
✍️©️सुनील यादव 'साहित्यिक'

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"सृष्टि में मिलना है चाहे आम बनकर रहिये या खास। जीवन के प्रत्येक पल को आनन्दित एवं ऊर्जावान बनाने का प्रयास ही एक बेहतरीन जीवन की तरफ ले जाता है प्रकृति हमें सरलतम रूप एवं साधरण जीवन जीने की सलाह देती है जैसे हम अतिरिक्त दबाव से असाधारण बनने की कोशिशें करते हैं उसी समय अपना अल्हणपन व मूल आनन्द खो देते हैं।"

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"कविता और रोटी"
एक एक दाने को
पीसकर
पूर्ण मनोयोग से
गूथकर
जब रसोई से
स्नेहिल भाव से परोसकर
थाली में पहुच जाती है
एक एक शब्दों को
पिरोकर
पूर्ण मनोयोग से सजाकर
जब कलम से कागज पर
जन जन तक पहुच जाती है
दोनों ही
ह्रदय की अनन्त गहराईयों तक
कविता और रोटी सुखद अनुभूति देती है।
✍️©️सुनील यादव'साहित्यिक'💱

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जीवन क्षण भर है
यह रोज कहूंगा
इझ़दिहाम के लिये नही जियूँगा.....

वक़्त क़ीमती है
खुद से कहूंगा
हुजूम को कभी नही दूंगा.......

मेरी आत्मा बहुत मलीन है
अंतरात्मा से कहूंगा
नजाफ़त करके ही विलीन करूँगा.....

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