में कब तलक जिऊँगा
बसर न हो रही
किराए की ज़िंदगी मे
मेरा गुनाह बता
के सजा दे!
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Natural beauty attracts itself This is god's ... read more
हमको जिस जिले की *चाहत* थी मिला नही
अभी फिर भरते हैं🤣
तीन *जिला*
मिल जाय तो सही
नही कोई *गिला* नही😢
ट्रांसफर की चाहत में कब तक बने *मजनूँ*
वो तो होगा ही ये कोई *लैला* तो नही🤣
हमको होगा तभी *यक़ीन* जब तलक कोई जिला *मिले* नही🤣
गुजर गये अरसा🧭 युही गुजर जायेंगे।
जहां रहेंगे यूँही मिलेंगे स्नेहिलजन 💞 *सुनील* *साहित्यिक* कोई अकेला तो नही🙏🏻🙏🏻🤣
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जिन जिन भेटयो
तिन तिन ट्ठग्यो मोहे
प्रभु मोरे तुमही पे आस विश्वास
केतिक जतन करि लीन्हो
भलो न लागत तिनको
अब निज दारुण न कहिबो कीन्हो
राधा कृष्ण बसहि हिय मोरे
तुमही पर आस विश्वास
लिखत निज मन की व्यथा
सुनीलीजौ प्रिये प्रीतम मोरे
नाम नाम जपु तजिय भव मिथ्या
राधा राधा लिखहु कागद कोरे
जे मोहे तजि खोजत आन निमाहूरे
ते प्रीत मा तन मन पागल भ्यो
कहहु सुनील निजं मन की व्यथा
राधे कृष्ण हिय में बसत
राधा राधा सुमिरत सुनील कर जोरे-
हम फूल की तरह महकते रहे
किसी को नागवार लगा
तोड़ के रूउद दिया
पिसकर और भी महकते रहे
वक्क्त के थपेड़ों को सह के
अनवरत चलते रहे
लोग सुनील को आवारा कहते रहे
जिस दिन ठहरे तो
पता लगा
सब उसी राह पर जाते रहे।-
मेरा हाल क्या है न पूछो सनम
मै खुशी ढूढने निकला था मिला इसकदर गम
अब घुटन हो रही है खुद से
खुद किया हूँ अपने को तबाह
ख़ुद पर कैसे करूँ रहम जिंदगी कहाँ सिमटी
जहां पर हम खुद भी न रहे हम
हर वक्त अपनो की जुदाई
न मिले दुश्मनों को भी ये रहनुमाई
ख़ुद की तलाश में निकले
खुद से की हयाई
अब क्या कहें
क्या की खता और खुदाई
पल पल की तड़पन
ह्र्दय की जलन
अपनो की याद और दहन
कहे सुनील मन ही मन
हाय ये जो बीत गयी ,बड़ी कोशिश की हमने
अब राधे आगे की हमसे न सहाई
सब तुमपर डारी दिए ह्यो
जस चाहत तस बेड़ा पार लगाई🙏🏻-
"अपने ने गैर समझ के
तजा मुझे
खुदा ने इसकदर सम्भाला मुझे
अपना समझ के"
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मै प्रेम में भिखारी बन गया
जिसपे था समर्पित
उसने दिल में घुसाया खंजर
शराफ़त से वो शिकारी बन गया ।-
मैं फिदाई में बेहोश होकर अच्छाई करता रहा
वो बेवफ़ाई में पूरे होश जोश में बुराई करती रही-
बेवफ़ाई ज़ेहन में जिसके वो वफ़ा कर नही सकता
वफ़ा रूह में जिसके वो बेवफा हो नही सकता-