अकड़ तोड़नी है उन मंजिलो की
जिन्हें अपनी ऊचाइयों पर घमंड है-
पशुधनं नित्यं सर्वलोकोपकारकम्!
बहुत ग़ुरूर था ‘छत’ को ‘छत’ होने का,
एक मंज़िल और बनी ‘छत’ फर्श हो गई।-
दोस्त के साथ बैठना बहुत आसान है,
मगर दोस्त के साथ खड़े रहना बहुत मुश्किल !-
मुझे नहीं आती उड़ती पतंगों सी चालाकियां,
गले मिलकर गला कांटू वो मांझा नहीं हूं मैं।-
काँटों में रहकर भी फूल सुखी है,
महलों में रहकर भी इन्सान दुखी है।-
“ कहीं रिश्ते हैं, इसलिए चुप हूं
कहीं चुप हूं, इसलिए रिश्ते हैं.”-
आहिस्ता आहिस्ता बढ़ रही है चेहरे की लकीरें,
शायद नादानी और तजुर्बे में बँटवारा हो रहा है..-
डिग्री रद्दी के भाव बिक जाती है,
जब जिंदगी इंटरव्यू लेना शुरू करती है..-
मैं जरूरत मे दान हूं
राष्ट्रवाद का प्रमाण हूं
अन्न उगाता किसान हूं
भाई-चारे की पहचान हूं
इतिहास का बलिदान हूं
सीमा पर खड़ा जवान हूं
सबसे पहले हिन्दुस्तान हूं
मैं जाट हूं।
सबके दिल की जान हूं
अंतरराष्ट्रीय जाट दिवस की शुभकामनाएं
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संघर्षो से लिखी है दास्तान कामयाबी की।
साज़िशों से बुझ जायें हम वो चिराग नही।।
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