एक दिन मनुष्य अपने अंहकार, लालच, स्वार्थ व स्वाद के चलते सबकुछ खा जाएगा और अंत में ख़ुद-ब-ख़ुद भी खप जाएगा।
इसे ही असल में कर्मों का फल कहा गया है और
कर्मों का फल निश्चित रूप से मिलना भी चाहिए।-
न क़ाबिल-ए-तहसीन,
एक सुलझी हुई शख़्सियत हूँ,
उलझे मिजाज़ की।
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नारी के लिए आकर्षण हो तो?
दिक्क़त ये नहीं है कि तुम्हें नारी चाहिए।
सवाल है कि कैसी नारी को चाह रहे हो?
दुनिया में एक से बढ़कर एक प्रकाशित स्त्रियाँ हुईं हैं,
जाओ उन्हें चाहो। पर तुम ऐसा करते नहीं।
ऊँची स्त्रियों से तुम्हें भय लगता है क्योंकि ऊँची स्त्री के पास जाकर तुम अपना बौनापन बरक़रार नहीं रख सकते।
- आचार्य प्रशांत-
A woman is never seen as a citizen, a human being or a consciousness, but only and only as a body, a physical body for consumption, entertainment and pleasure. And this is the basic foundation of "Rape Culture" in all over the world, especially in India.
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यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः।
यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफलाः क्रियाः ।। मनुस्मृति ३/५६ ।।
The devtaas who raped a woman with respect, took out a road show after being released on bail. This is undoubtedly a matter of great celebration. Because this will encourage the upcoming pujas and future devtaas.
एक नारी का सम्मानपूर्वक दुष्कर्म करने वाले देवताओं ने जमानत पर छूट जाने के बाद एक रोड शो निकाला। निःसंदेह, महान उत्सव का विषय है ये तो। क्योंकि इसी से तो आगामी पूजा-पाठ व भावी देवताओं को प्रोत्साहन मिलेगा।
#sarcasm
कर्नाटक में जनवरी 2024 के हंगल गैंगरेप केस में जमानत पर छूटे सात आरोपियों ने गाँव में बाइक और कार से विजय जुलूस निकाला।-
जो व्यक्ति अन्य व्यक्तियों, जीवों व राष्ट्रों के प्रति क्रूर व हिंसक होता है वह समग्र सृष्टि व संसार के प्रति भी क्रूर व हिंसक ही होता है। भूत, भविष्य व वर्तमान में हुए, होने वाले व हो रहे युद्ध, हत्याएँ, रक्तपात, नरसंहार व बलात्कार इसका सटीक प्रमाण हैं।
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बरसों के इंतज़ार का अंजाम लिख दिया😌
काग़ज़ पे शाम काट के फिर श्याम लिख दिया...✍️🪔🫶
नुसरत फतेह अली खान ♥️-
जीवित नंदी मारा जाता है,
पत्थर का नंदी पूजा जाता है।
कितनी कुटिल रीति है,
कि पूजनीय होने के लिए
पाषाण होना पड़ता है।-