ठिठुरता रहा आशिक तेरा रात भर,तेरे दीदार को।
न आ सकी मिलने को खिड़की पे एक बार को ।।
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#Singer
#lyricist
ठिठुरता रहा आशिक तेरा रात भर,तेरे दीदार को।
न आ सकी मिलने को खिड़की पे एक बार को ।।
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घर की सफाई करते करते आज मैंने दिल की भी सफाई कर दी।
दिल के टूटे टुकड़ो के साथ कुछ तेरी यादें भी पड़ी मिली।
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जब लिख ही दिया है तुमने मेरा नाम रेत पर।
तो मेरे मिटने का अब तुम तमाशा भी देख लो।।-