Davinder Gautam   (Dev)
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Likhne Ka Shok Hain Bus .. #Lucknowist
Instagram Id is
davinderkrgautam
Joined 3 November 2017


Likhne Ka Shok Hain Bus .. #Lucknowist
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davinderkrgautam
Joined 3 November 2017
25 JAN 2023 AT 19:03

आप क्या बताते हों हमें जनाब
कि इश्क़ क्या होता हैं और जिम्मेदारियां क्या
हमनें इश्क़ करना मां के आंचल में सीखा
और जिम्मेदारियां का बोझा बाप के कंधो से

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26 NOV 2022 AT 0:32

बाकी सब दुनियां हैं जाना लेकिन तू मेरी दुनिया हैं ..

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3 NOV 2022 AT 22:58

कभी कभी सोचता हूं कि तू पास होता
महफ़िल-ए-शाम में तू भी साथ होता
वक्त बदलता रहा लेकिन दोस्ती नहीं
अगर दोस्ती पर क़िताब लिखता तो
उस का तू ही पहला किरदार होता

मैं ज्यादा उम्मीद तो नही करता
एक मुकमल दोस्त और दोस्ती की
पर जब भी उम्मीद करता तो
उस उम्मीद पर तू ही पूरा होता

कभी कभी सोचता हूं कि तू पास होता
महफ़िल-ए-शाम में तू भी साथ होता

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24 SEP 2022 AT 22:02

आप दिल और चेहरे दोनों से खुबसूरत हैं
आपकी हंसी जिसकी हमें ताउम्र जरूरत हैं

हर वक्त कुछ ना कुछ छुट ही जाता हैं जिंदगी में
आपके होते हुए और किस चीज़ की जरूरत हैं

वफ़ा प्यार सुकून इन सब से हैं अब जिंदगी मेरी
और ये सब ही आप ही की तरफ इशारा करते हैं

जिंदगी को काटना नहीं हैं जीना हैं आपके साथ
इसी सौचं कि उम्मीद आप से ताउम्र रखते हैं

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21 AUG 2022 AT 0:15

मुझसे यूं ना हर रोज़ लिखने को कहां कीजिए
इन आंखो में भी उतर कर शायरी पड़ा कीजिए

हो गई हैं आपसे ही हम को आखरी मोहब्बत
इस मोहब्बत को यूं ही नहीं रूसवा कीजिए

नींद को बोल दिजिए थोड़ा रुक कर आया करे
यूं ही नहीं रातों को तड़पाया कीजिए

आप में बस्ती हैं पूरी एक दुनियां मेरी जाना
इस दुनियां को मेरी पलकों पर रखा कीजिए

हो गई हैं आपसे ही हम को आखरी मोहब्बत
इस मोहब्बत को यूं ही नहीं रूसवा कीजिए

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31 JUL 2022 AT 21:58

जानता हूं मैं नाराज़ हो जाता हूं वक्त बे वक्त तुझसे
लेकिन प्यार भी बहुत करता हूं मैं हर वक्त तुझसे

तू बहुत दूर हैं मुझसे ये भी मैं जानता हूं जाना
लेकिन इन दूरियों की होने की वजह भी हैं तुझसे

जानता हूं मैं नाराज़ हो जाता हूं वक्त बे वक्त तुझसे
लेकिन प्यार भी बहुत करता हूं मैं हर वक्त तुझसे

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27 JUL 2022 AT 23:19

तुम दिल से भी खूबसूरत हों
इस बात को छुपाना बंद कर दो

जो ना समझें आपके जज़्बात को
उसको एहसास दिलाना बंद कर दो

ख़ुद को समझना ही काफ़ी हैं जाना
लोगो को समझाना अब बंद कर दो

जिंदगी बहुत गुलज़ार हैं आगे जाना
अब यूं अंधेरों में रहना बंद कर दो

आप में बहुत इतमाद हैं मेरी जाना
यूं बे वजह झिझिकना बंद कर दो

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10 MAY 2022 AT 8:40

गुज़र गया जो वक्त उसका सोच कर क्या करें
उसके दिए हुए जख्मों को सजा कर क्या करें

जो दिन उनके नाम किए थे तुमने और मैं ने
अब उन दिनों को याद कर के भी क्या करें

चिराग़ रोशन हुए हैं हवा में भी एक खुशबु हैं
फिर उस बेवफ़ा के जाने का मलाल क्या करें

तुम सच्ची और पाक हों ये मैं जानता हूं जाना
फिर बे मतलब का शिक्वा गीला कर क्या करें

हम मिले हैं आगे की ज़िंदगी के लिए
तो फिर गुज़रे हुए वक्त का सोच कर क्या करें

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21 APR 2022 AT 9:00

Tu Naraaz Rahte Hain To
Mann Nahi Lagta Kahi Bhi Mera
Ye Tera Ishq He Hain Jana
Mujhe Kahi Jane Nahi Deta

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1 APR 2022 AT 20:31

आप यूंही ना उदास रहा कीजिए
जिंदगी को खुल कर जिया कीजिए

आज जिंदगी करवट ले रही तो क्या दोस्त
उन प्यारे दिनों को भी याद किया कीजिए

आप पहले भी ख़ास थे मेरी जिंदगी में
और हमेशा रहेंगे ए दोस्त
यूंही ना अपना दिल छोटा कीजिए

आप दुनिया में से नहीं पूरी दुनिया हो मेरी
इस बात को हमेशा जहन में रखा कीजिए

नाराज़गी माफिया सब चलते रहेगें साथ साथ
लेकिन इस गुस्ताख़ इश्क़ को भी समझा कीजिए

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