जब मैं चला जाऊंगा तुम्हारी जिंदगी से
तब तुम्हें मेरी तवज्जों होगी
जब मैं तुम्हारे आस पास नहीं दिखूंगा
तब तुम्हें मेरे ना होने का अहसास होगा
प्यार करने वाले तो बहुत से होंगे तुमको
लेकिन मैं ओर मेरा जैसा कोई नहीं होगा
तुम बोलती हो ना अब हमारे रास्ते अलग हैं
कल रास्ता तो होगा लेकिन रास्ता खाली होगा
जब मैं चला जाऊंगा तुम्हारी जिंदगी से
तब तुम्हें मेरी तवज्जों होगी-
आप मुझे नहीं मिलें
इस बात का मुझे अफ़सोस रहेगा
आप अपनी बातों से भी मुकर गए
इस बात का मुझे अफ़सोस रहेगा
रोज़ सोचता हूँ इश्क़-ए-इज़हार आपसे ही किया था
अपने कभी कुछ इज़हार नहीं किया
इस बात का मुझे अफ़सोस रहेगा
आप बढ़ गए हैं आगे शायद हम में भी ये अदा होती
हम तो वही रुके हैं बढ़ नहीं पाए जिंदगी में
इस बात का मुझे अफ़सोस रहेगा
-
आप से तो खफा हम हो नहीं सकतें
आप दिल में रहते हो
दिल को तो जिस्म से दूर कर नहीं सकतें
आप परेशान न हो हमें कोई शिकायत नहीं
आप हैं हमारे पास यही काफ़ी हैं
इस से ज़्यादा हम कोई ख्वाहिश कर नहीं सकतें
आप से तो खफा हम हो नहीं सकतें
-
समय हैं ये भी गुज़र ही जाएगा
तेरे साथ गुज़र रहा हैं तो अच्छा ही गुज़र जाएगा
आप बोलते हो कि मुझ पर अब कुछ लिखते नहीं
दिल में एहसास हैं और वो हमेशा रहेगा
बाकी सब लिखा हुआ कागजों में खो जाएगा
काम-काज और जिंदगी दोनों साथ साथ रहेंगी हमेशा
दोनों को तवाज़ुन करना सीखिए
वरना मन परेशान हो जाएगा
और हमारा रिश्ता अब मयखाने तक महदूद हो गया हैं
क्या हमारा याराना अब जाम-ए-शराब से तौला जाएगा
समय हैं ये भी गुज़र ही जाएगा ..
-
मैं अपने दिल की गहराईयों से तुझसे प्यार करता हूँ
जो कभी नहीं किया किसी से उतना प्यार करता हूँ
बहुत फर्क हैं हम में ये बात हम दोनों ही जानते हैं
ये जान कर भी मैं तुझसे बे-इंतहा प्यार करता हूँ
जिंदगी में सब कुछ हमारे हिसाब से हो ऐसा मुमकिन तो नहीं
लेकिन ये बात सिर्फ मुमकिन हो इसलिए मैं प्यार करता हूँ
मैं अपने दिल की गहराईयों से तुझसे प्यार करता हूँ
जो कभी नहीं किया किसी से उतना प्यार करता हूँ
-
आप मुकम्मल नहीं कर सकते मेरी कहानी
क्योंकि
ये कहानी आप के साथ ही मुकम्मल हो सकती हैं
आपके बिना नहीं ।
-
कल जो आप मिले, वो उम्मीद से ज्यादा मिले
पूरी हसरतों से मिले, जी भर कर मिले
जितने न थे आप मेरे, उससे ज़्यादा होकर मिले
मुकम्मल हो कर मिले, ख़ुश हो कर मिले
आप थे जब मेरी बाहों में, सब कुछ थम सा गया था
आप मिले तो हम दुनियां को भूल कर मिले
दिन आया था तो गुज़र तो जाना ही था उसे
आप दिन के लम्हे फिक्रिया में मिले
ओर शाम के सकूं में मिले
कल जो आप मिले, वो उम्मीद से ज्यादा मिले
-
वो रूथ कर बोली तुमको तो बस शिक़ायत हैं मुझसे
मैं भी क्या बोलता देव, ख़ुद से ही बोल लिया कि
मुझे जो उम्मीद हैं वो भी तो तुम से ही हैं साखी
-
हमारी वफ़ा हमको पास ले आएगी
ये मिलो की दुरी बस
एक इश्क़-ए-आवाज़ से खत्म हो जाएगी
-
गुज़र गया जो वक्त वो हसीन था
तुम थी इसलिए वक्त हसीन था
सब कुछ तो हैं आज मेरे पास
तेरे बिना बस दिल बेकरार था
बस तुम्हारा कल तुम पर हावी रहा
वरना मैं इतना भी ख़राब ना था
आज जो तुम्हारा सकूं बन चुका हैं
कल वो शक्श तुम्हारी आस में था
गुज़र गया जो वक्त वो हसीन था-