हँसकर कबूल क्या कर ली
मैंने अपनी गलतियाँ,
तुमने तो दस्तूर बना दिया
हर इल्ज़ाम मुझ पर लगाने का,-
खुद को महादेव कहलवाने वाले भी
आज कहीं किसी के सामने बेबस और लाचार है,
"माया" से कोई भी नही बच पाया,
चाहे कितना भी तुर्रमखां हो..
-
पहली पाठशाला है माँ,
पहला निवाला है माँ,
शब्दों की पहली वर्णमाला है माँ,
पलकें जब गीली हो जाये,
सुकून का रुमाल हैं माँ,
ममता की सौगात है माँ,
विरह का इंतज़ार है माँ,
स्नेह की बौछार है माँ,
नज़रों की प्यास,
पहला संवाद है माँ,
ख़ामोश नज़रें करके कभी,
घर में त्याग की मिसाल है माँ,
दुनिया की तपती धूप में,
शीतल आँचल है माँ,
मुश्किलों की आंधी में,
बेशर्त हिफाज़त है माँ,
उनके लिये क्या लिखें जिन्होंने हमें खुद लिखा है,
इस धरा पर भगवान का अवतार है माँ..
-
जो हमारा है वो सिर्फ और सिर्फ हमारा है,
उस पर किसी और का हक़ नही हो सकता कभी,
क्यूँकि हमारी सनातन धर्म परम्परा ही हमारी शक्ति है,धरोहर है,
उस पर किसी भी प्रकार का आक्षेप प्रतिरोध हमें बिल्कुल बर्दाश्त नहीं,
तुम अगर 1000 साल पहले पैदा होकर हम पर हुक़ूमत करने की सोच रहे हो तो मत भूलो कि हम हिन्दू पहले भी बाप थे अब भी हैं आगे भी रहेंगे दुनिया के..
कई आये और कई चले गये,हम वहीं के वहीं..-
"गुस्सा गुस्सा गुस्सा ..."
मुझे यह पसंद नहीं है। मैं इससे बचता हूँ !
लेकिन ... गुस्सा मुझे पसंद करता है,
और मैं इससे बच नहीं सकता!"-
वो नज़र न आये तो मैं बेचैन हो जाऊं,
काश ऐसा ईश्क़ मुझे नसीब हो जाये..
गुजरने के बाद उसके आहटों को भी महसूस कर पाऊं,
काश वो हुनर मुझे तरक़ीब हो जाये...
उसकी नज़र उठे तो सज़दे में मेरी झुक जाये,
काश ऐसा मुझे वो तहज़ीब आ जाये...-
In spirituality,
Top of one mountain is bottom of another,
So keep climbing..-
सफ़र में कहीं तो दगा खा गये,
जिसे समझा था खुदा,
उसी से ताउम्र धोखा खा गये..
-
कोई शहर था जिसकी एक गली
मेरी हर आहट पहचानती थी,
मेरे नाम का एक दरवाज़ा था,
एक खिड़की मुझे जानती थी..
-