खो से गए है सारे रिश्ते, किसको सुनाऊं अपने सारे किस्से। तार तार हो गए आज कल के रिश्ते, दर दर भटक रहा है आज हर कोई अपनों की तलाश में, न जाने कितनों के दिल दुखाए बेनाम रिश्ते । वो दौर बीत गया वो अपनापन, हर कोई मरता है पैसे पर , अपनों को देख अपना जलता है ऐसे हो गए नामी रिश्ते । कुचल कर चले जा रहे आज कल के रिश्ते, किसको सुनाऊं अपने सारे किस्से।
अक्सर हमें उस इंसान से प्यार हो जाता, जो हमारा कभी नहीं हो सकता । मगर सब कुछ जानते हुए भी, दीवानों की तरह उसे प्यार करना । ये हमारी आदत बनती जा रही है, दिन पर दिन उससे और भी मोहब्बत होती जा रही है ।
वो अब खुद के घर में मेहमान बन गए आज को गए और कल को आ गए जिस घर पे राज था उनका वो अब उनका न रहा गज़ब कश्मकश है जिंदगी जब पास होते तो दूर जाने के बहाने बनाते और जब वो दूर जाते तो मानो मेरी सारी हस्ती को भी अपने साथ लेते जाते कैसे बताए उनको कितनी चाहत है उनसे जानते तो वो भी है मगर अंजान बनने की कोशिश में लगे रहते
कुछ इस कदर जवाब देते है वो कुछ इस कदर जवाब देते है वो..... हर बात का जवाब hmm और okay मे टाल देते है वो .... कौन समझाए उस नादान को .. हम तो सारे सवालों के जवाब जानते है मगर उनके जुबान से सुनना चाहता है
कुछ तो बात है उसमें वरना न चाहते हुए भी हम उसके दीवाने न होते उसकी बातों में कुछ जादू सा है उसी की बातों में कही हम खो से जाते है प्यार तो करते है वो मगर जताना नही जानते परवाह है मेरी उनको भी मगर दिखाना नही चाहते वो समझते है की उनको कोई नहीं समझ सकता कौन समझाए नादान को की ......... हर वक्त उनको ही समझा जाता है