एक शोर है मुझ में जो खामोश बहोत है,
एक बात हे जिसमे आगोश बहोत है,
अल्फाजो के भार से भरा पड़ा है मन का पन्ना मेरा,
आवाज की इस गूंज के साथ इसमें मौन बहोत है,
कल–कल करती सी नदी थी मुझमें,
कल–कल करती सी नदी थी मुझमें,
आज स्थिर बहोत है,
एक शोर है मुझ में जो खामोश बहोत है,
एक शोर है मुझ में जो खामोश बहोत है,-
Darshan Patel
(Darshan bhalodiya)
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Few words aren't enough to describe me.
Joined 22 March 2019
23 JUN 2021 AT 1:42
28 FEB 2021 AT 0:23
એને મૌન દ્વારા વાત હું સમજાવી ના શક્યો,
આખરે લેવો પડ્યો આધાર શબ્દનો!-
25 FEB 2021 AT 0:33
બસ એક ચાંદ જ સાક્ષી હતો મારી બેગુનાઇ નો,
પણ અદાલતે ચુકાદો અમાસ ના દિવસે રાખ્યો.-
13 OCT 2020 AT 10:08
कोई अगर रूठ जाए तो मना लिए करो,
ज़रा सी खामोशी दूरियां बढ़ा जाती है।-
7 OCT 2020 AT 0:41
अजीब फितरत है दिल की,
नजाने क्या इसे महेसूस होता है,
साथ में सबके हंस लेगा,
पर दर्द में अकेला ही रोता है।-
5 OCT 2020 AT 23:21
कोई इंसान भले दो कदम तक ही साथ चला हो,
लेकिन पूरी जिंदगी रास्ते में उसकी कमी महेसुस होती है।-
4 OCT 2020 AT 22:56
ખુદની ખુશી ખુદ જ મારી નાખી છે,
ખુદ કરતા બીજાને વધારે મહત્વ આપીને..!-
3 OCT 2020 AT 23:20
महफ़िल तो तेरे बगैर भी रोशन रहेंगी,
बस चिरागों की जगह हम जलेंगे..!-