शून्य आकाश में, तुम किसी का
रवि बन के देखो,
गरजते बरसते बरसात में किसी का
छतरी बन के देखो।
दुखदायी घाव में किसी का
मलहम बन के देखो,
बेसुरी सांझ में तुम किसी का
सरगम बन के देखो।
अपेक्षा-विहीन तुम किसी का
सहायक बन के देखो,
निजी स्वार्थ त्याग, किसी के जीवन का
नायक बन के देखो।
इंसान हैं सभी, इंसानियत का
तुम उदाहरण बन के देखो,
जीता है हर कोई खुद के लिए यहाँ,
बेवजह ही किसी की मुस्कुराहट का
तुम कारण भी बन के देखो।-
कभी धूप कभी छाया
सुख-दुख का अनोखा मेल,
इसी अनोखे संगम में
है जीवन का संपूर्ण अर्थ समाया।
चल रहा हूँ मैं भी सफ़र में
हर मोड़ पर नया अनुभव लिए,
खट्टे-मीठे इन्हीं अनुभवों ने
मुझे जीवन का सारांश समझाया।
ना शिकवा, ना गिला कोई
ना तुझसे शिकायत मुझे,
उधार की हैं यहाँ साँसें भी
सदा के लिए जीवन भला किसका है टिक पाया?-
स्वाधीन मेरा देश
है, अब भी जकड़ा उसे रूढ़िवादी विचारधाराओं ने।
स्वतंत्र मेरा देश
है, अब भी पकड़ा उसे मतभेदों और जात-पात के बंधनों ने।
उन्मुक्त मेरा देश
ढूंढ रहा एक मुट्ठी आसमान सांस लेने को।
आज़ाद मेरा देश
दे रहा दुहाई खुद को अपने ही देशवासियों के अतिक्रमण से बचाने को।-
नया दिन है, नई शुरुआत
डरने की अब ज़रूरत नहीं
ख़त्म हो चुकी है काली रात।
चलो अब उठ खड़े हो जाओ
मिला है फिर से ये नया अवसर,
छोड़ दो बहाना अब रात का
पाने को मंज़िल तुम्हें
रहना होगा अग्रसर।-
It's not always necessary
That whatever the heart desires
Should come true.
Nor that the dreams
Woven by the eyes
Should be fulfilled.
Sometimes, it's necessary
For dreams to shatter
So we can encounter
Our failures too.
Sometimes, it's necessary
To break down completely
So that, when needed,
We can gather ourselves
And make a fresh start.
-
मैंने ज़िंदगी से शिकवा किया:
कुछ तो रहम कर
ऐ ज़िंदगी मुझपर
हर मोड़ पर यूँ
ना परख मुझे,
इंसान ही हूँ आख़िर
टूट जाता हूँ, बिखर जाता हूँ
तड़पता देख मुझे
ख़ूब आनंद आता है क्या तुझे?
ज़िंदगी मुझसे बोली:
दर्द मुझे भी होता है
तकलीफ़ में तुझे देखकर
सखा हूँ मैं, तेरा दुश्मन नहीं
ज़रा सा मुझपे तू एतबार कर,
बैरी नहीं हूँ मैं तेरा
सामना करके ही चुनौतियों का
बंधेगा तेरे माथे पे
जीत का सेहरा !
-
गहरी काली ये रात
उसमें रिमझिम ये बरसात,
तुम भी चुप, मैं भी चुप
बस आँखों से हो रही है बात।
रुकी हैं साँसें
तेज़ है धड़कन
कह रहा दिल: "कब होगी मुलाक़ात?"
ख़ुली हैं बाँहें
बेक़रार है मन
अच्छे नहीं सनम — इस दिल के हालात।
डरता हूँ मैं तुझे खो न दूँ
छोड़ न दे कहीं तू मेरा साथ,
शब्दों में बयाँ कैसे करूँ मैं
तेरे लिए जो हैं — मेरे उमड़ते जज़्बात।-
Kitna bhi ghana kyu na ho raat
Subha ke aage use jhukna hi hai,
Do dino ka ye jiwan safar
Manzil jo mile to rukna hi hai,
Chahe ho gam
Ho chahe khusiyan
Sada ke liye wo nahi rehta,
Har ek pal me jee bhar ke jeelo
Zindagi humse bas yehi hai kehta.
-
दो पल का दुख,
दो पल की खुशी,
क्षण भर का सुख,
पल भर की हँसी,
ऐ ज़िंदगी तुझसे
शिकवा न गिला कोई,
दो दिनों का है सफ़र,
इस में:
कभी तू ग़लत,
कभी मैं सही।-
Bade wichitra hain is duniya ke log
Patthar me iswar sab dhundte hain,
"Iswar ka waas hai isme" sab kehte hain,
Usi patthar ka aad liye fir
Ek duze se bhidte rehte hain,
Dilo me Matbhed aur nafrat liye
Anant kal tak jhagadte rehte hain.-