#Alfaaz
कुछ ख्वाब मै लिखता हूं ,
बेहिसाब मै लिखता हूं,
तू खुद को संभाल ,
मंजिल से गिरकर इतिहास मै लिखता हूं ,
वजूद मेरा जिंदा है,
हुनर मेरा परिंदा है ,
तेरी खूबी से खुद की किताब मै लिखता हूं ,
गिर गिर कर सीखा है ,
हौसलों में मेरा चेहरा ज़रा तीखा है ,
शब्दो की दुनिया में बेहिसाब मै बिकता हूं ,
रोटी का टुकड़ा है ,
गरीब यहां भूखा है ,
तेरी नजर में मै कैदी सा जिंदा हूं ,
इतिहास मेरा है ,
भूगोल सनेरा है ,
आज सबकी बातो में एक निशा मै रखता हूं ।।
आज सबको बताना है ,
एक किस्सा फिर सुनना है ,
तुम हिसाब ना लगाना उस हद तक मै लिखता हूं,
बाजार में निकलो हर मूड पर मै बिकता हूं ।।
क्या करू आज कल हर रोज मै लिखता हूं ।।
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