जो जाते जा रहा, सिखाते जा रहा..!
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Danish Ahmed
(alfaz_e_danish_)
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Joined 20 January 2020
18 OCT 2023 AT 0:12
आँहें निगल गया था..बस इक साँस चुभ गई
काँटे नहीं चुभे थे मगर फाँस चुभ गई...!!-
29 DEC 2022 AT 22:55
रफू न हो सकी उधड़ी रिदा तअल्लुक़ की
हज़ार सूइयाँ टूटीं सिलाई करते हुए...!-
8 DEC 2022 AT 0:06
किसी को खामोशी चुभती है तो किसी को अपनापन,
न जाने क्यों जिंदगी ने इतने खयाल बनाए...!-
2 DEC 2022 AT 18:48
मैंने तेरे अलावा किसी की नही सुनी,
दुनिया के मशवरे मेरे कानों में मर गए...-
28 NOV 2022 AT 16:37
यक़ीन करने को तय्यार बैठे रहते थे
क़भी सुकूं से तेरा झूठ सुन न पाए हम...!-
15 NOV 2022 AT 23:17
जिंदगानी का सफ़र जब मौतबर हो जाएगा।
राह का पत्थर भी मेरा हमसफ़र हो जाएगा..!-
3 NOV 2022 AT 23:10
तेरी तरह नहीं आसान वापसी मेरी
मैं रास्तों को समझता हुआ नहीं आया...!-