एक सहमी हुई लड़की की सच्ची कहानी
इक लड़की थी
इश्क़ की दिवानी थी
इक दिन एक लड़के से
सच्चा प्यार कर बेठी
प्यार में कोई जाति-भाँति का भेद नहीं होता
हा इस समाज ने एेसे भेद बनाये है
पर इनका प्यार यूँ ही ४ साल तक चलता रहा
पर अभी तक वो लड़की उसके प्यार को ना समझी
और वो जैसा-जैसा बोलता गया
वैसा-वैसा वो करती गई
क्योंकी वो इश्क़ की मारी थी
शायद वो लड़का भी उस से प्यार करता था
पर बस लड़की की इक गलती की वजाह से उसने उसको छोड़ दिया
गलती वो थी कि उस लड़की की,
उसे लगा कि वो लड़का मुझ से अब प्यार नहीं करता
तभी वो बदतमीजी कर रहा है
और उसने उस लड़के को जलाने के लिए
दूसरे लड़के से सिर्फ दोस्ती की
पर वो लड़का तो और उसपें गुस्सा करने लगा
और उसने अपनी जिंदगी में किसी और लड़की को जगाह दे दी
इकबार भी उस लड़की को समझा नहीं वो
यहीं उनकी दास्तान ख्तम हो गई
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