Dabang Pandey   (Dabang Pandey)
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Joined 8 December 2017


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24 DEC 2024 AT 22:18

मेरा बेटा मेरी जान है

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22 NOV 2024 AT 11:51

तुम आओगे मुझे मिलने
खबर भी ये तुम्ही लाना
बहुत आयी गई यादें
मग़र is बार तुम्ही आना

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3 MAY 2023 AT 16:11

जिस्म की बात नही है
उनके दिल तक जाना था
लंबी दूरी तय करने में
वक़्त तो लगता है

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7 MAR 2023 AT 22:45

मैं तो पुरष हूं। मुझे फर्क नहीं पड़ता। दिल तो है नहीं
एक पत्थर है। जो कभी पिंघलता नहीं।
कभी किसी के आंसू देख कर।
कभी किसी की मुस्कान देख कर।
मुझे तो हक नहीं नाराज होने का।
मुझे हक नहीं खिलखिलाने का।
मुझे हक नहीं आंसू बहाने का।
किसी से कोई demand करने का।
किसी से कोई expect करने का ! अगर बात करू तो flirt करता हूं।
ना बात करू aatitude रखता हूँ।
आंसू बहाऊ तो कमजोर।
आंसू ना बहा तो पत्थर । देख कर मुस्कुरा दू तो दिलफेंक।
Ignore करू तो गरुर रखता हूं
किसी को इज्जत दू तो formality T
इज्जतना दू तो arrogant दिखता हूं।

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5 JAN 2023 AT 21:42

अगर बदन की बनावट से ज्यादा
रूह की तरावट को महसूस करना मोहब्बत नही तो
मैं नही जानता कि मोहब्बत क्या होती है
अगर बोलते लबो से ज्यादा
खामोश आंखों को पढ़ना मोहब्बत नही तो
मैं नही जानता कि मोहब्बत क्या होती है

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5 NOV 2022 AT 21:36

जिस दिन खुद की कमाई का
एक ईंट भी खरीदोगे न
उस दिन बाप की झोपड़ी भी
महल से कम नही लगेगी

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5 NOV 2022 AT 21:33

जिस दिन खुद की कमाई का
एक ईंट भी खरीदोगे न
उस दिन बाप की झोपड़ी भी
महल से कम नही लगेगी

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27 OCT 2022 AT 22:24

मैंने जब उसको खोया था
मैंने जब उसको खोया था
रब के सामने उस दिन रोया था
अपने गमों को खुद के अन्दर पिरोया था
रब के सामने रोया था
उस दिन तो जैसे नसीब मेरा सोया था
मैंने जब उसको खोया था
खुद को मैंने गम के समुंद्र मे डुबोया था
खुद मे कहीं मैं गुम था, खुद मे कहीं मैं खोया था
सब्र था की तुम मिलोगी उन्हीं राहों मे
जिन राहों मे तुमने मुझको खोया था
गलतियां क्या हुई थी मुझसे मन मे
एक सवाल था रब ठीक कर देगा सब मेरा ये ख्याल था •

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27 OCT 2022 AT 22:07



देखा है एक दौर ऐसा बुरा भी
पुराना जख्म फिर हुआ है हरा भी
मेरे अपने थे शामिल जख्म देने मे
मैंने देखा था उनके हाथ में छुरा भी
सब रहतें हैं जख्म को कुरेदने की तलाश मे
और ठीक होने का देते है मशवरा भी
अब किस रिश्ते पर यकीन करें या रब
कुछ अच्छे होते हैं, कुछ होते हैं बुरे भी
अब हर रिश्ते मे ऐब निकाला तो
यकीन है मुझे बे ऐब नही होगा एक भी
रिश्तों मे हमेशा बुराईयाँ क्यों ढूँढना
कुछ जख़्म देते हैं, तो कुछ मरहम भी

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26 AUG 2022 AT 21:06

हर मुलाकात पे
महसूस यही होता है
मुझसे कुछ तेरी नजर
पूछ रही हो जैसे

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