D Durgatma Garg  
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Joined 1 January 2020


Joined 1 January 2020
16 AUG 2023 AT 10:33

स्वतंत्रता दिवस के बाद भी तिरंगे का सम्मान बनाए रखिए
तिरंगा न झुकने पाए न सड़क पर गिरने पाए ये ध्यान रखिए

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15 AUG 2023 AT 8:22

आजादी मिली है बलिदानों से मातृभूमि के दीवानों से
मातृभूमि की खातिर जो शहीद हुए उन नौजवानों से
मातृभूमि पर गैरों का शासन उनको नहीं भाता था
देख तिरस्कार मातृभूमि का क्रोध बहुत आता था
सन 1857 में मंगल पांडे ने पहली गोली चलाई थी
उसके बाद ही देश में क्रांति की ज्वाला जल आई थी
झांसी की रानी और तात्या टोपे ने भी गदर मचाया था
बिस्मिल और अशफाक ने भी अंग्रेजों को नाकों चने चबाया था
राजगुरु सुखदेव भगत सिंह हंसते हंसते फांसी झूल गए
मातृभूमि बंधन मुक्त कराने के खातिर वे अपनी उम्र भूल गए
आजाद ने भी जीवन भर 'आजाद' रहने की कसम खाई थी
अंग्रेजों से लड़ते हुए अंतिम गोली खुद पर ही चलाई थी
तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा का नारा बोस जी ने लगाया था
'आजाद हिंद फौज' नाम से एक सेना नेताजी ने बनाया था
लाल बाल पाल और गांधी जी अहिंसा के पथ पर बढ़ते रहे
ये सब शांतिपूर्ण आंदोलनों के दम से सरकार से लड़ते रहे
देश की आजादी में सभी देशक्तों ने अपना योगदान दिया
अपना तन मन धन सब कुछ अपनी मातृभूमि पर कुर्बान किया
देश इनके उपकारों को कभी भुला नहीं पाएगा
जब तक ये संसार रहेगा इनका नाम दोहराएगा



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31 DEC 2022 AT 17:49

ये साल भी निकलने वाला है
लेकिन उसका इंतजार आज भी है
हमें पता है वो नहीं है आने वाला
लेकिन मिलने की आस आज भी है
हमें मालूम है कि वो नहीं है हमारा
पर हम उसके हैं ये बात आज भी है
परिस्थितियां चाहे जैसी भी रही हों
दोनों में रिश्तों की समझ आज भी है
एक चोट की तरह ही है रिश्ता हमारा
भर तो गया पर निशान वो आज भी है


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26 OCT 2022 AT 17:19

शब्दों में हुई जो त्रुटियां उनके लिए माफी चाहता हूं
अपने शब्दों के विराम की मैं आपसे अनुमति चाहता हूं

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28 SEP 2022 AT 7:56

शहीद-ए-आजम

हंस कर झूल गया फांसी पर भगत सिंह मस्ताना था
भारत मां को बंधन मुक्त कराने का वो दीवाना था
अत्याचार देख गोरों का उसका रक्त उबलता था
कर्त्तव्य पथ पर चला वीर,शांत नहीं चल सकता था
देश के कोने-कोने में उसने क्रांति की ज्योति जलाई
मातृभूमि भी माता ही है ये बात सभी को सिखलाई
हम स्वदेश आजाद करेंगे कसम थी उसने खाई
"नौजवान भारत सभा" नाम से एक पार्टी बनाई
केंद्रीय सभा में बम फेंक कहीं नहीं वो भागा था
फांसी की सजा सुन,मुस्कराने वाला वो शहजादा था
फांसी वाले दिन उसने 'मेरा रंग दे बसंती चोला' गाया
फांसी का फंदा चूम,भारत मां की जय बोल,मुस्काया
भगत सिंह जैसे वीरों पर इस देश को अभिमान है
"शहीद-ए-आजम" तुमको मेरा बारम्बार प्रणाम है

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23 JUL 2022 AT 9:17

"आजाद"

आजाद था वह जीवन भर आजाद रहा
नाम था चंद्रशेखर फिर भी वह आजाद रहा
अंग्रेजों के लिए हमेशा मौत का पर्याय रहा
क्रांति की ज्वाला जलती थी उसके मन में
बिना आजादी चैन नहीं उसके जीवन में
वह अंग्रेजो के खिलाफ षणयंत्र बनाता
और काकोरी में वह ट्रेन लूट ले जाता
अंग्रेज पकड़ न सके जिसको वो आजाद रहा
जिंदा की क्या बात करें वो मरते दम आजाद रहा

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13 MAY 2022 AT 15:44

आंखों के अश्क छुपाएं कैसे
अपना दर्द-ए-दिल बताएं कैसे
चाहते तो हैं तेरा दीदार करना
पर तुम्हें मिलने को बुलाएं कैसे
भूलने की कोशिश तो बहुत की
पर यादों को दिल से मिटाएं कैसे
आंखों के अश्क छुपाएं कैसे
अपना दर्द-ए-दिल बताएं कैसे

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18 MAR 2022 AT 8:11

जो हरपल अपना रंग बदलते रहते हैं उनसे बचना
जिन्दगी में रंगों की साजिश करने वालों से बचना
रंगों का बाजार और त्योहार इसे कहते हैं बेशक
पर,अपने होकर गैरों सा दिल रखने वालों से बचना

" HAPPY HOLI "

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27 FEB 2022 AT 18:22

अक्सर लफ्ज थम जाते हैं
किसी को अपना कहते हुए
मैं थक सा गया हूं खुद से
" जिंदगी" तेरे गम सहते हुए
जान लेगी ये "जिंदगी" मेरी
मुझे अपनी "जान" कहते हुए

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23 JAN 2022 AT 22:35

करना चाहता हूं नफरत मगर कर नहीं पाता
कहना चाहता हूं तुमसे मगर कह नहीं पाता
अजब ये कश्मकश है मोहब्बत की कहानी में
भूलना चाहता हूं तुमको मगर भूल नहीं पाता

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