कहते हैं लोग मुझसे, अब कुछ नहीं होगा..
उम्मीद भी करूँ तो, अब कुछ नहीं होगा !!
हर दिन की हार जैसी, हर रात है चुपचाप..
लगता है मेरे हिस्से, अब कुछ नहीं होगा !!
दर्पण भी अब सवालों की शक्ल लेने लगा..
चेहरा भी बोलता है, अब कुछ नहीं होगा !!
कुछ लोग हँस रहे थे, मेरे अकेलेपन पर..
जैसे उन्हें यकीं हो, अब कुछ नहीं होगा !!
कहती है ये दुआएँ, तुझसे ही सब मिला है..
तेरी रज़ा के बिन तो, अब कुछ नहीं होगा !!
जो देर से देता है, देता है सबसे अच्छा..
जानती हूंँ मौला तुझसे, छुपा कुछ नहीं होगा !!
मन्दिर की सीढ़ियाँ हैं, अन्तिम पनाह मेरी..
अब जो तू देगा शायद, भला वही होगा !!-
➡Name Meaning : Lɪᴍɪᴛʟᴇꜱꜱ/Bᴏᴜɴᴅʟᴇꜱꜱ, Fʀᴇᴇᴅᴏᴍ, Eɴᴛɪʀᴇ🥰💕
➡Graduated ... read more
कहांँ से लाऊंँ वो झरना जो कर दे फ़र-ओ-नाकामी,
मरुस्थल की सभी बैरन हवाएंँ साथ चलती हैं।
कभी उम्मीद बनकर जो खड़ी थी मेरी चौखट पर,
उसी दिल की शिकस्तें और सदाएंँ साथ चलती हैं।
ज़रा सा हौसला लेकर चली थी जानिब-ए-मंज़िल,
मगर हर मोड़ पर अब बद्दुआएंँ साथ चलती हैं।
जिसे कभी जान से बढ़के भी चाहा था ज़माने में,
उन्हीं चेहरों की अब झूठी अदाएंँ साथ चलती हैं।
मेरे हर शोर को तो खा गई मेरी ही खामोशी,
कि हर चुप में मेरी डूबी सदाएँ साथ चलती हैं।
ग़ज़ल लिखतीं हूं मैं जब कोई सच की अपने लहज़े में,
तो हर मिसरे में छुपती बेवफाएंँ साथ चलती हैं।
बहुत चाहा कि फिर से मुस्कुराऊंँ देखकर दर्पण,
मगर अक्सों की टूटी इल्तिज़ाएँ साथ चलती हैं।-
उसके साथ पूरी दुनिया घूमना,
उसका मेरा माथा और कंधा चूमना... अच्छा लगता है।
उसकी आंँखों के समंदर में डूबना,
उससे लिपटकर उसकी खुशबू सूंँघना... अच्छा लगता है।
उसकी चांँद सी मुस्कुराहट देखना,
उसके प्यार की धूप सेंकना... अच्छा लगता है।
उसके साथ तारों तले झूमना,
हरदम उसकी बाहें ढूंँढना... अच्छा लगता है।
हल्का-हल्का कभी उसका झगड़ना,
और फिर पीछे से मेरी कमर पकड़ना... अच्छा लगता है।-
अंदर से बहुत टूट चुका है वो शख़्स,
तस्वीर से ज्यादा खामोशी उसके चेहरे पे है!-
नाम तेरे जहांँ की सारी मिसालें कर दूंँ,,
मिटा के सारे गम खुशियों के उजाले कर दूंँ..
मान-ईमान, दिल-ओ-जाँ सब निसार तुझपे,,
चांद ज़मीं तारे.. सब तेरे हवाले कर दूंँ..!!-
भूलकर सारी मायूसियांँ, थोड़ा मुस्कुरा देना,,
अपने चेहरे से आज सब गमगीनियांँ हटा देना.!!
फ़िर मैं पूछूंँगी तुमसे तुम्हारे दिल का पता,,
फ़िर तुम मुझे मेरा दिल दिखा देना..!!
छोटी छोटी बातों पर लड़ना–झगड़ना,,
लेकिन इनको नहीं अपने दिल से लगा लेना..!!
मैं कभी अगर सोचूं तसव्वुर में तुमको,,
हक़ीक़त में आने का कोई बहाना बना लेना..!!
जज़्बा हमेशा ऊंँचा और मजबूत रखना अपना,,
ऊंँची उड़ान भरना और अपना आसमांँ पा लेना..!!
खिड़की पर, देहलीज़ पर, दीवारों के कोनों पर,,
मेरी मोहब्ब्त का तोहफ़ा जहांँ जी आए सजा लेना..!!-
जान लुटाकर दिलवाई आज़ादी,
एक दिन उनके नाम करें..
आज हिन्दू-मुसलमान नहीं,
आज जय हिन्दुस्तान करें.!!-
अनादि हैं, अनंत हैं, रहेंगे वो ही अनवरत,,
जग के हैं आधार, हर लें प्राणियों के दोष को_
शीश पर है अर्धचंद्र, जटाओं में भागीरथी,,
कोटि कोटि है नमन भगवान आशुतोष को_!!-