17 MAR 2019 AT 22:36

क्या भूलूँ
क्या याद करूँ मै
दुःख की घड़ियां
सुख की लड़ियाँ
बचपन से
यौवन की कड़ियाँ
स्कूल में मास्टर
की छड़ियाँ
सोच-सोच खुद से
बतराऊँ,
कैसे ये संवाद करूँ
मै।

- 🚀Charan Singh Prajapati