हुए शरीक हम अपनो के महफिल में,लोगो को वेगाना सा लगे हम,,और तो और जनाब जिस चेहरे को मासूम समझता रहा,बदनाम हम उसी से हुए,,,,,,, -
हुए शरीक हम अपनो के महफिल में,लोगो को वेगाना सा लगे हम,,और तो और जनाब जिस चेहरे को मासूम समझता रहा,बदनाम हम उसी से हुए,,,,,,,
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सिर्फ़ मुझपर जो ऊगली उठाते हैं लोग,,कौन है जिसमे कोई बुराई नही है,,,,,,,,।।।।।।।।। -
सिर्फ़ मुझपर जो ऊगली उठाते हैं लोग,,कौन है जिसमे कोई बुराई नही है,,,,,,,,।।।।।।।।।
हर हाल में चलना सिखो क्यो की ठहरे तो समाप्त हो जाओगे,,,, पाता वही है जो चलता है वरना ये जमाना समय के साथ हैसियत पूछती है,,,,, -
हर हाल में चलना सिखो क्यो की ठहरे तो समाप्त हो जाओगे,,,, पाता वही है जो चलता है वरना ये जमाना समय के साथ हैसियत पूछती है,,,,,
एक लेखक वो होता है जो अपने विचारो को शब्दो में पिरो दे,,,।।। -
एक लेखक वो होता है जो अपने विचारो को शब्दो में पिरो दे,,,।।।
मंजिल इतनी भी दूर नही की तुम पा नही सकतें,बस मन में हौंसला और पाने की चाहत हो तो,मंजिल हमेसा पैरों तले होता है,,,,।। -
मंजिल इतनी भी दूर नही की तुम पा नही सकतें,बस मन में हौंसला और पाने की चाहत हो तो,मंजिल हमेसा पैरों तले होता है,,,,।।
मोहब्बत में किसी का इंतजार मत करना हो सके तो किसी से प्यार मत करना,कुछ नही मिलता मोहब्बत कर के यारो खुद की जिन्दगी वेकार मत करना,,,।। -
मोहब्बत में किसी का इंतजार मत करना हो सके तो किसी से प्यार मत करना,कुछ नही मिलता मोहब्बत कर के यारो खुद की जिन्दगी वेकार मत करना,,,।।
फिकीरो ने रंग चेहरे का मेरे उड़ा दिया,घर की जरूरतो ने मुसाफ़िर बना दिया,,,।। -
फिकीरो ने रंग चेहरे का मेरे उड़ा दिया,घर की जरूरतो ने मुसाफ़िर बना दिया,,,।।
खुशी उस परिश्रम रूपी वृक्ष का फल है,जिसके लिए हमनें सालो साल तक इन्तज़ार किया,,,।। -
खुशी उस परिश्रम रूपी वृक्ष का फल है,जिसके लिए हमनें सालो साल तक इन्तज़ार किया,,,।।
रिश्ता ऐसी डोर है हल्का पकड़ो छूट जायेगी और कस पकड़ो तो टूट जाती हैं,इसीलिए इसे समझा जाता है,,,।। -
रिश्ता ऐसी डोर है हल्का पकड़ो छूट जायेगी और कस पकड़ो तो टूट जाती हैं,इसीलिए इसे समझा जाता है,,,।।
जितते वही है जिनके दृढ़ संकल्प होते हैं,और हारते वही है जो केवल बाते करते हैं ,,,,।।। -
जितते वही है जिनके दृढ़ संकल्प होते हैं,और हारते वही है जो केवल बाते करते हैं ,,,,।।।