दीदार ए मोहब्बत का तकिया कलाम लगाए बैठे है,
हक़ ना उनका मुझपे है ना मेरा उनपे है
फ़िर भी इश्क़ कमाल का किए बैठे है!
कहते है,
मोहब्बत एक बार होती है बार बार नही
दिल एक बार मिलते है बार बार नही
अपनाने की हिम्मत नही और जनाब!
जताने की आदत लगाए बैठे है।
हमारी भी सुने जरा,,
हक़ जता कर प्यार किया नही जाता
एहसासों को यूं महसूस किया नही जाता
हो गर मोहब्बत तो साथ जन्मों जनम का होता है
कुछ किस्मत बात भी होती है शायद
नही तो प्यार के परिंदों का घरौंदा कभी अलग नहीं होता।
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