Civil Er. Akash Patel   (आkash)
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Joined 23 October 2018


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Joined 23 October 2018
2 FEB 2021 AT 22:50

बहुत मशगूल हो तुम, कभी हमे भी याद करो
आज भी जिंदा है हम, थोड़ा और बर्बाद करो

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14 DEC 2020 AT 0:34

देखकर तुमको , अब होश मेरा चूर है
कैसे बताऊं तनहाइयां अब मुझसे दूर है

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24 NOV 2020 AT 9:27

एक नास्तिक के लिए ,इबादत क्या होगी
तुम क्या जानो,मेरी मोहब्बत क्या होगी

तोड़कर दिल मेरा, तुम किसी और के हो गए
ये तुम्हारा इश्क है तो तिजारत क्या होगी

कभी इसके साथ ,कभी उसके साथ रहते हो
ये सादगी तुम्हारी है तो सजावट क्या होगी

अक्सर सब कहते है ,तुम सच मे सही हो
अगर ये सब सही है तो बनावट क्या होगी

सब जानकर भी , तुझसे खफा नहीं हूं मै
अगर ये इश्क है तो शहादत क्या होगी

एक नास्तिक के लिए ,इबादत क्या होगी
तुम क्या जानो,मेरी मोहब्बत क्या होगी

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12 AUG 2020 AT 16:43

घूमता हूं तुम्हारी गलियों मे, पर आवारा मैं नहीं
न घर है न ठिकाना है मेरा, पर बंजारा मैं नहीं

तिजारत मेरे इश्क की तुम क्या जानो साहेब
दर्द छुपा है मेरे सीने मे, पर बेचारा मैं नहीं

खुद डूबा हूं भवर मे, फिर भी उसे बचाता हूं
वो बच जाये तो कहना, उसका सहारा मैं नहीं

सोच जिस्म की, तुम अपने पास रखना
मैं आशिक हूं तुम्हारा, पर आवारा मैं नहीं

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12 AUG 2020 AT 16:38

आँखों मे आंसू है तो, छिपाये क्यों
दर्द होठो पर है तो, मुस्कुराये क्यों

हर जज़्बात मेरा, इश्क ही है
फिर ख़ामोशी को हम बताये क्यों

हर किसी ने तोड़ा है दिल मेरा
हर टुकड़ा तुम्हे हम गिनाये क्यों

सिर्फ मेरा नहीं, सबका इश्क आग का दरिया है
जानते हो जख्म, फिर दिखाए क्यों

अधूरी ही सही, पर कहानी तो है
दास्तां अपनी किसी को, हम सुनाये क्यों

नाम जानकर उसका, तुम क्या करोगे
तुम्ही हो वो, हम बताये क्यों

ये पढ़कर भी तुम कहोगे, खुश रहो
अब तुम्ही बताओ हम मुस्कुराये क्यों

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12 AUG 2020 AT 15:46

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12 AUG 2020 AT 15:40

मैं देखता हूं चेहरा, तुम आईने मे दिखती हो
शब्द पुकारते है तुमको, हर मायने मे दिखती हो

सोचता हूं अक्सर, तुम जैसा लिखूं कुछ
बस यही सोच, हर दायरे मे दिखती हो

बांधना नहीं चाहता किसी बंधन मे तुम्हे
फिर भी तुम राधा, सांवरे मे दिखती हो

लफ्ज़ ख़त्म नहीं होते, तुम वायदे मे दिखती हो
मैं खुद हूं अधूरा और तुम ज्यायदे मे दिखती हो

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11 AUG 2020 AT 21:07

Incomplete Dream Collab

She - तेरा चेहरा देखकर ही, मैं ठहर गयी
पाँव ऐसे रुक गये जैसे, मैं मर गयी

I - नजारे ओझल हो गये, नजर ठहर गयी
तुम्हे ढूढ़ता रहा मैं, तुम किधर गयी

She - शायद तुम मिलोगे, फिर कभी हमसे
बस यही सोचकर, मैं अपने घर गयी

I - बार बार वही चेहरा सामने आता है मेरे
देखकर तुझे, जिंदगी मेरी बिखर गयी

She - सारी रात देखती रही, मैं उस चाँद को
आखिरी बार तेरी नजर जिधऱ गयी

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3 AUG 2020 AT 2:21

HAPPY BIRTHDAY TO ME

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1 AUG 2020 AT 1:22

प्यार था तुमको मुझसे तो निभाया क्यों नहीं
जाने वाले बोलकर, तू आया क्यों नहीं

कब से खड़ा हूं धूप मे, मैं साया जोड़कर
तू नीम था मेरा, फिर छाया क्यों नहीं

दिल भर गया यादो मे, तुमको देखकर
वहा भी तुम थे अकेले, तो बताया क्यों नहीं

थम सा गया था वक्त, तुमको देखकर
प्यार नहीं था तो पर्दा गिराया क्यों नहीं

हम जैसे बहुत थे तो, तू पाया क्यों नहीं
जाने वाले बोलकर, तू आया क्यों नहीं

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