वोह यकीन न करे मोहब्बत मेरी तो ग़म नहीं
जेहन में बरकरार एहसास दिखायेंगे हम नहीं-
जिंदगी किसी किताब सी हमारी पन्ने भरे हुए जज़्बात से यहाँ
अल्फाज़ गुजरते हालात स... read more
थोड़ा सँवार लूँ खुद को आज आईना भी हैरान हो जाए
अक्स दिखाई दे महबूब का मोहब्बत की पहचान हो जाए-
रात अमावस की अब दस्तक देने लगी है
अंधेरे रास आते नहीं है साँस कहने लगी है
चाँद उदास है मुश्किल मुलाकात हमारी
धड़कन बेचैन होकर अब सिहरने लगी है
हाथ थाम कर एहसास दिलाए उसे भी हम
कुछ पल की बात है मोहब्बत गुनगुनाने लगी है
क्यों ऐतबार आता नहीं बातों पर हमारी तुझे
आंख नम होकर शिकायत लिए बरसने लगी है
दो कदम साथ चलकर देख सफ़र में हमारे
अंधेरे भी रौशन हो जायेंगे सहर होने लगी है-
धुंध की आग़ोश में सिमट गए हैं सारे नजारे
कोई देखे ना परछाँई भी जिंदा उसके सहारे-
देखिए दुनिया को ग़ौर से फिर कहना और से
समय लौट कर ना आएगा जीना है सलीके से-
ज़िन्दगी तेरे लिए क्या क्या नहीं किया मैंने
थक गए है हम ठहरने का फ़ैसला किया मैंने-
अनकही अनुभूतियाँ मन में रह जाती है कई बार
संभवत कोई नाराज हो जाए तो मनाना कठिन होता है
स्वयं के लिए यह एक सुखद अनुभव होता है
कुछ वस्तु या मनुष्य का आंकलन करने में
सहायक होता है यह इसलिए संजोकर रखिए इसे
जीवन सरल और सहज बन जाएगा !!-
तन्हाई में जिंदा रहने का ज़रिया है वोह
नाम इश्क़ है एहसास का दरिया है वोह-