कितना कुछ आज तू सह गया पागल , जो जरूरी था कदे, आज बिन उसके रह गया पागल , र भोले पंछी या दुनिया बैगानी, इत कोन किसे का होया है ? क्यों हांसी हांसे झूठी तू, आंख देख तेरी लागे ज्यों, पूरी रात तू रोया है , होया है क्यों पागल , कै इसी सजा में है , दीवार पर निशान नाखुना के , किसकी तू रजा में है , बोलता ना अब क्यांते तू, झूठी हांसी में सब कह गया पागल , कितना कुछ आज तू सह गया पागल
आजा नै रे सुपने में 1 बात बतानी चाहूं सु, दाबे बैठा जो दिल के भीतर , वो आग बुझानी चाहूं सु, लिख राख्या जो तेरे ऊपर वो तने सुनाना चाहु सु , आजे जे तू सामने मेरे , छाती के लाना चाहूं सु , कुछ मैं बोलुगा बारे तेरे, तो कुछ अपने बारे बताइए तू, 1 बात बतानी स तने, सुपने में तो आइए तु......
कोई किसे में ना रेंदा , पर मैं बस रया हूं जनू तेरे में , 1 तारा उपर देख्या करु , चांदनी चमके जनु चाले चाल अंधेरे में , जब पड़े पैर तेरे सुखी घास पे, मुरझाए होए फूल र खिलगे काल सबेरे में , बस 2 आंखा में डूब गया मैं , सारी वक्त मने याद रेव, के करवा राख्या तने अपने चेहरे में......
एक कागज चिट्ठी बरगा सा , लिख कर जुदाई की फरमानी दे गया , जाग– जाग कटे है , वफ़ा ना करती ये भी , क्यों रात इसी मन्ने बैगानी दे गया , मेरी खुशी , नींद और शुकून भी दे जांदा, शर्म तो ना आई जद तू मन्ने परेशानी दे गया, के फायदा तने दिए बिंटी छल्ला का , जब आखिरी मुलाकात में तू मने, वापस मेरी निशानी दे गया....... @Choudhary Basant Karwa
नाम मेरा जब सुनज्या तने , तो याद मेरी कदे आव है के , वो लिखना मेरा तेरे पर शायरी , इस तरियां वो भी तने लिख लिख सुनाव हैं के , कोई तो आदत मिलती होगी उसमे मेरी , फेर मेरी बात भी याद आव है के , अच्छा यो सब छोड़ , यूं बता वो तने मेरे जितना ही चाव हैं के !!
क्यों छाए रह है उदासी चेहरे पर , के दर्द तने खाए जा है , कौन बिछड़ गया जो रोव है तू, किसकी याद तने आए जा है , एक हांसदा- हंसादा माणस रूल गया , के जुल्म इश्क ने ढाया यो , बिन सांस रोके ने मार दिया , जब मूडके शक्श ना आया वो , सोच्या ना था यूं भी हो सके , ऐसा मेरा हाल होया झूठी हांसी , रोंदी आंख्या और बैचेनी , कुछ इस तरियां इश्क में कमाल होया.....