Choudhary Basant Karwa   (Poet Basant)
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Ig - Poet Basant
Joined 18 September 2020


Ig - Poet Basant
Joined 18 September 2020
1 OCT AT 19:00

ये जो मंद मंद हवा चल रही है ,
किसी की कमी बड़ी खल रही है ।
लोग कहते है मोहब्बत है एक बला,
फिर ये बला क्यों मुझसे टल रही है ।

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30 SEP AT 20:33

हाथ से निकल जाना क्या होता है ,
मरना है तो मरना है बहाना क्या होता है।

दिन-रात गुजर जाते हैं मेरे पीते पीते ,
होश ही नहीं खाना खाना क्या होता है ।

मुझे लगता था किसी के चले जाने से क्या होता होगा ?
उसके जाने पर पता लगा जाना क्या होता है ।
©Poet Basant

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29 SEP AT 9:56


तेरी मोहब्बत में कुछ दिन रहना है ,
मतलब मुसीबत में कुछ दिन रहना है ।
तेरे जाने के बाद मैं क्या करूंगा ,
तेरे होने की आदत में हर दिन रहना है ।
ख़ुदा पूछ ले गर मेरी चाहत क्या है ,
कहूंगा तेरी सोहबत में हर दिन रहना है।

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28 SEP AT 22:47

मुझमें इतनी हिम्मत नहीं हुई ,
उसे बेवफा सुना तो हैरत नहीं हुई ।

देख लेने से कैसे होता है इश्क ,
मुझको चूमकर भी उसे मोहब्बत नहीं हुईं

वो सिर्फ शरद रातों में मुझे याद करता है ,
हुस्न के अलावा उसे जरूरत नहीं हुई ।

कॉलेज की हर लड़की को वो नूर कहता है ,
उसकी नजर में Basant' सिर्फ मैं खूबसूरत नहीं हुई।

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28 SEP AT 11:46

Hello everyone, I am back here !

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8 JUN 2023 AT 11:19

इश्क को दर्द की दवा बता रहे हो
यह Basant आजकल के लड़कों को तुम क्या बता रहे हो
करके इसका अगर निखरता कोई
तो तुम क्यों खुद को तबाह बता रहे हो

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16 MAR 2023 AT 20:30

जख्मी हुए जो इश्क में उनके मर्ज लिखता है Basant,
ये दर्द तेरे नही है तो , तू किसके दर्द लिखता है Basant

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13 NOV 2022 AT 20:11

कितना कुछ आज तू सह गया पागल ,
जो जरूरी था कदे, आज बिन उसके रह गया पागल ,
र भोले पंछी या दुनिया बैगानी,
इत कोन किसे का होया है ?
क्यों हांसी हांसे झूठी तू,
आंख देख तेरी लागे ज्यों, पूरी रात तू रोया है ,
होया है क्यों पागल , कै इसी सजा में है ,
दीवार पर निशान नाखुना के , किसकी तू रजा में है ,
बोलता ना अब क्यांते तू, झूठी हांसी में सब कह गया पागल ,
कितना कुछ आज तू सह गया पागल

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23 OCT 2022 AT 9:54

आजा नै रे सुपने में 1 बात बतानी चाहूं सु,
दाबे बैठा जो दिल के भीतर , वो आग बुझानी चाहूं सु,
लिख राख्या जो तेरे ऊपर वो तने सुनाना चाहु सु ,
आजे जे तू सामने मेरे , छाती के लाना चाहूं सु ,
कुछ मैं बोलुगा बारे तेरे, तो कुछ अपने बारे बताइए तू,
1 बात बतानी स तने, सुपने में तो आइए तु......

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22 AUG 2022 AT 23:21

कोई किसे में ना रेंदा ,
पर मैं बस रया हूं जनू तेरे में ,
1 तारा उपर देख्या करु ,
चांदनी चमके जनु चाले चाल अंधेरे में ,
जब पड़े पैर तेरे सुखी घास पे,
मुरझाए होए फूल र खिलगे काल सबेरे में ,
बस 2 आंखा में डूब गया मैं ,
सारी वक्त मने याद रेव,
के करवा राख्या तने अपने चेहरे में......

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