कितनी चकाचौंध बढ़ती गई,
तुम lights कितनी ढूंढ़ कर लाए...
मैं कच्ची माटी का रह गया,
तुम मुझे जलाना भूल ना पाए...
पर मैं छिपा हुआ जलता रहा,
अपनी ही रोशनी को मचलता रहा...
कोशिश में था रात भर जलने की,
पर तुम मुझसे पहले मेरी रोशनी को जला आए...
इस बार ओर नई lights जगमगा रही,
देखो तो तुम्हारा घर कितना चमका रही...
हर तरफ रंगीन चमक फैली है,
क्या मुझे जला,तुम फर्ज अदा कर आए...-
पर खुद को तूने किधर देखा..
तूने नशे में उधर देखा,
लगा के जैसे इधर देख... read more
You are a part of
the divine energy,
which allows you
to become
more lovely,more caring,
more beautiful and more peaceful.
You are the part of
infinite power,
so you have power inside you.
The source of abundance
is your father,
so you are abundant of
love, happiness and peace.-
कितना अजीब होगा,
यदि ऊपर बढ़ते पहाड़,बादलों की तरह नीचे बरसने लगे।
कितना अजीब होगा न,
यदि कल कल बहती नदियां,पहाड़ों की तरह थम जाए।
कितना अजीब होगा,
यदि बर्फ आग जैसी गरम बनना चाहे,
अंगारे पानी जैसे नरम बनना चाहे,
मिट्टी टूटने से ज्यादा जुड़ने लगे,
सूरज चांद की तरह शीतल हो जाए।
कितना अजीब होगा न,
समंदर का खारापन खो जाए,
या हवा बहना बंद हो जाए।
क्यों लग रहा है ना,
कि जैसा है सब अच्छा है।
तो फिर हम किस दौड़ में दौड़ रहे हैं,
इसकी जॉब से,उसके प्रमोशन से,
किसी की शादी से,किसी की आजादी से
क्यूं खुद को तोल रहे हैं?
गर प्रकृति में जैसा है सब अच्छा है,
तो जरा पूछना खुद से ठहर के कुछ पल,
क्यों इस दिमागी comparison में खुद को जोड़ रहे हैं?
-
तुम पहचानो खुद को,तुम वही हो,
किसी जंग को लड़ जाने वाली,
किसी राह में फूल बिछाने वाली...
तुमने संभाला हुआ है एक इंसान को,पत्नी बन,
तुमने बांधा हुआ है सबके मन को,मां बन,
तुम रोशन कर रही हो,दो घरों से लेकर संपूर्ण विश्व को,
जगा कर रोशनी करुणा की अपने भीतर,
परन्तु इस करुणा, प्रेम को,
तुम्हारी कमजोरी समझा जाने लगा।
मगर तुम्हें ज्ञात है,तुम्हारे भीतर छिपी हर शक्ति,
तुम चुप रही है,क्यूंकि तुम्हें मालूम है,
मौन की आवाज,
बस कुछ को ही मालूम है,बाकी सब सीख रहे हैं,
और जिन्हें नहीं समझ आया तुम्हारा मौन,
वो लाख डिग्रियों के बाद भी अनपढ़ हैं,
वो सीख जाएंगे कोई व्यापार संभालना,
हासिल कर लेंगे बाकी सभी सफलताएं,
अंततः वो खाली रह जाएंगे,
प्रेम समझने में,सिर्फ ना समझने से तुम्हारी चूपी।
तुमने सहा है उन्हें पैदा करने के लिए असहनीय दर्द,
सहना चाहिए या नहीं का सवाल तुम उठाती नहीं हो,
तुम्हें पता है,तुम वही आत्मा हो,जो उनके अंदर छिपी है,
पीड़ा को तुमने समेट लिया है,
हर घाव को भर लिया है तुमने,प्रेम से,
जिनके आंसू सुख चुके है,
उनका भीतर मानो जल चुका है,
तुम्हारे आंसुओं में अब भी नमी है,
तुममें जीवित है,अनंत जीवन,
तुम महसूस करती हो,छोटी से छोटी खुशी को,
क्यूंकि तुमने महसूस किया है दर्द को।
पीड़ा से लेकर प्रेम तक का सफर,तुझमें है,
तुमसे जो गुजर चुका है,वो जान चुका है,
क्या होता है,नारी होना।।-
दिल, दिमाग़,हसरत,ख्वाब...
इन सबसे परे,
अपने वजूद में,
वजूद को तलाशते हुए...
कभी तांडव में मग्न,
कभी ध्यान की शरण...
अमृत जैसा सच्चा होकर,
विष पीने वाला,
गले में है नाग जिसके,
साथ रुद्राक्ष की माला...
गंगा लिए जटाओं में,
खुशी में जो झूमे है,
पीके मदिरा का प्याला...
भोला,शंकर,महादेव,
महाकाल वो डमरू वाला...
न जाने कितनों को प्रिय है,
आदियोगी वो मतवाला...♡
Namami to the Lord Shiva✿
(art by @namrata♡)-
आदि तुम,अनंत तुम,
शांत तुम,प्रचंड तुम...
ध्यान कर योगी कहलाए,
कर तांडव धरा हिलाए...
क्या ढूंढू इस जग में शिवा,
हर गुण तुझमें समाए...
शीतल चंद्रमा माथे पर,
गंगा जटाओं में समाए...
पीकर प्याला विष का,
अमृत सा आंनद पाए...
जग तुझसे है बसा हुआ,
पीकर हाला मस्त तुम...
क्या लफ्ज़ चुनूं तुम्हारी खातिर,
खुद में ही प्रशस्त तुम...
अर्धनयन खुले हुए,
हो ध्यान में मग्न तुम...
परमानंद के आंसू बहे,
प्रेम से परिपूर्ण तुम...
सब सीख तुझमें है शिवा,
गुरु तुम,गुरु गुण तुम...
तूझसे जाना जग को मैंने,
अकेले तुम,सम्पूर्ण तुम।।
~ आदित्या चौधरी-
कितनी चकाचौंध बढ़ती गई,
तुम lights कितनी ढूंढ़ कर लाए।
मैं कच्ची माटी का रह गया,
तुम मुझे जलाना भूल ना पाए।
पर मैं छिपा हुआ जलता रहा,
अपनी ही रोशनी को मचलता रहा।
कोशिश में था रात भर जलने की,
पर तुम मुझसे पहले मेरी रोशनी को जला आए।
इस बार ओर नई lights जगमगा रही,
देखो तो तुम्हारा घर कितना चमका रही।
हर तरफ रंगीन चमक फैली है,
क्या मुझे जला,तुम फर्ज अदा कर आए।।-
यार, दिल तो था महोब्बत का शौकीन,
इसने कबसे इसकी उसकी सोच ली...
तू तो अय्यासी की चाहत रखता था बेवफ़ा,
तूने कबसे ये फकीरी चुन ली?
यार,कुछ नहीं कहता तू किसी से अब,
तूने कबसे जुबां सिल ली?
ये लम्हे जीने थे ना लंबी सांसों में तुझे,
तूने कब झूठी हंसी चुन ली?
इसे उसे सबको माफ़ किया जाओ,
मुझसे अब कोई गिला शिकवा न करना..
शिकायतें मैंने भी समेट ली है यार,
मानो मेरे इश्क़ ने खुदकुशी कर ली?-
हौसला ए जिन्दगी मैं बढ़ाती रह गई,
मौत पास से मुस्कुरा के गुजर गई...
इतनी तवज्जो दी फ़कीर गमों को तुमने...
एक खुशी आयी और रो के मुकर गई।।-