माँ तेरी आँखों से बहता झरना हो
या पापा तेरा हमारे लिए तिल-तिल मरना हो,
कभी पहन पाऊँ मैं आप लोगों के ये ज़ेवर
कभी जता पाऊँ क्यों हैं बदले-बदले से मेरे ये तेवर,
यूँ दिखला पाऊँ मैं खुलकर अपने झुलसे हुए ज़ख़्म
तो समझ लेना तेरा ये बेटा हारा नहीं है,
तो समझ लेना तेरा ये बेटा हारा नहीं है।
- ©️ chitresh deshmukh (bAbA)