Chitranshu pal   (चित्रांशु✍)
685 Followers · 3 Following

Joined 30 March 2020


Joined 30 March 2020
19 SEP 2021 AT 10:37

तुम्हें पता हैं तुम्हारी आंखें बोलती हैं,जब तुम से बात नहीं होती तो देखता हुं, मैं तेरी तस्वीर को और बात करता हूं तुम्हारी आंखों से , जैसे वो मुझे बुला रही हों की डूब जाओ मेरे अंदर पर मै डूबना नहीं चाहता सबकी तरह , मै तैरना चाहता हूं तेरी आंखों में तेरे ख्यालों में तेरी रूह की गहराई में गोते लगाना चाहता हूं।

-


13 JUN 2021 AT 8:42

तेरे ख़ूबसूरत होंठों के तलबगार हैं कितने
तुम से मिलकर सब बेज़ार हैं कितने

शब-ए-अंजुम में मैंने पूछा ख़ुदा से
आसमां के सिवा जमीं पर चांद हैं कितने

एक एक करके मैंने सब को देख लिया
अब पता चल गया मेरे वफादार हैं कितने

कल उसकी आंख से गिरते आंसू देखे
तब जाना हैं हीरे चमकदार हैं कितने

तेरे घर की तरफ से निकला तो जाना
तेरे दिल के पहरे पर हवलदार हैं कितने

जब बगीचे में गयी तो जाना दुनियां ने
ये फ़ूल तेरे सामने बेज़ार हैं कितने

-


8 NOV 2020 AT 13:44

मैं खुद से मिलता भी नहीं आजकल
चलता है ये सिलसिला हर रोज आजकल

वो खूबसूरत चेहरा जिसे देखा था सालों पहले
आता हैं वहीं चेहरा मेरे ख़्यालों में आजकल

वो जिसकी आहत सुन धड़कता था दिल मेरा
उस को देख कर भी कुछ होता नहीं आजकल

वो पास तो आता है मेरे मगर
कहीं और खोया रहता है आज कल

सब लिबाज़ पहने हैं यहां अच्छाईयो का
मगर हैं सब आस्तीं के सांप आज कल

फ़कत रंग ही काला दिया हैं खुदा ने "चित्रांशु"
लोग तो बहुत काले हैं अंदर से आजकल

-


11 SEP 2020 AT 0:31

जैसे सूखे दरख़्तों ने बहता दरिया संभाल रखा हैं
मैंने भी मुस्कराते चेहरे के पिछे तेरा गम संभाल रखा हैं।

-


3 AUG 2020 AT 11:00

Milange taarian ohle
Zameena tapp ke apa
Mohabbat qaid nahi hundi
Te sucha ishq nahi marda
Kise da pyar paavan nu
Bhala koi ki nahi karda

-


2 AUG 2020 AT 0:06

याद आता है वो बारिश में भीगता चेहरा, बहुत करीब से जब चांद पे पानी देखा।

-


31 JUL 2020 AT 17:35

ये कौन शरमा रहा है ,यूँ फ़ुर्सत में याद कर के
कि हिचकियाँ आना तो चाहती हैं पर हिच-किचा रही हैं...

-


28 JUL 2020 AT 9:05

दिल मिलाना सरल नहीं होता।
खिलखिलाना सरल नहीं होता।
कभी अपनों से दूर जाते हुए,
हाथ हिलाना सरल नहीं होता।।

-


27 JUL 2020 AT 9:43

बहुत सारे कष्टों को तुमने झेला है
सैकड़ों की भीड़ में तू अकेला है
चंद ठोकरो से गिर गया है तू
उठ खड़ा हो तू महाकाल का चेला है।

-


23 JUL 2020 AT 22:46

प्यार किया था तुझे पर कभी तुझे पाने की उम्मीद नहीं रखी
मुझे पता था तू नहीं आएगा इस लिए मैंने चौखट पर कभी मोमबत्ती नही रखी................

-


Fetching Chitranshu pal Quotes