तुम्हें पता हैं तुम्हारी आंखें बोलती हैं,जब तुम से बात नहीं होती तो देखता हुं, मैं तेरी तस्वीर को और बात करता हूं तुम्हारी आंखों से , जैसे वो मुझे बुला रही हों की डूब जाओ मेरे अंदर पर मै डूबना नहीं चाहता सबकी तरह , मै तैरना चाहता हूं तेरी आंखों में तेरे ख्यालों में तेरी रूह की गहराई में गोते लगाना चाहता हूं।
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