रूह का रूह से मिलने जरूरी है, हमारा आप का एक होने जरूरी हैं, होती है हजारों बात, होते है सबके अपने राज, आओ आज ये भी हो जाए, मिलकर दोनो एक दूसरे को, अच्छे से जन जाए।।।।
के कोई साथ नही देता, खराब वक्त आने में, जब साथ होते, तो बस पैसे कमाने में, पैसे के लिए आज, इंसान कुछ भी कर जाता है, किसी का अच्छा करने के लिए, अब सामने भी नही आता है।।।।
जिसने जिंदगी गुजार दी, बच्चो को सम्हालने में, उसका भविष अच्छा बनाने में, आज बो इनको नही जानते है, किसी नए के आ जाने से, इनकी की गई मेहनत भूल जाते है।।।।।
एक पिता ही है जो रोज सुबह, घर से निकल जाता है, खुद के लिया नहीं बल्की, अपने परिवार के लिया, अपना आराम त्यागता है, कुछ भी हो अपने, परीवार की ईक्षा को पूर्ण करके बताता है।।।।।।
चाहत है मेरी के, तुझे तुझ से बढ़ कर चाहेंगे, तू रूठेगी तो हम मनाएंगे, डर है तुझे दूर हो जाएंगे, इस डर को हम आजमाए बैठे है, तुझे दूर होकर खुद को बिखरा देखे है, अब भी दूर जाएंगे, तुझको तुझ से बढ़ कर चाहेंगे।।।।