वो रंग कहा अब मेरे,
खिला करते थे जो फूल कभी
वो फूल कहा अब मेरे,
ये पृथ्वी पूछ रही है हमसे
अब मैं वो किस्से किसे सुनाऊ,
गीत गाते थे जो पंछी
वो पंछी अब कहा है मेरे,
लौटा दो मुझे
मेरी वो रंगों वाली चाद्दर
ये पृथ्वी पूछ रही है हमसे
कहा है मेरी वो फूलों वाली चाद्दर।
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