अब अगले जनम आएंगे,
एक उम्र उधार लेकर..
इस बार तेरा होने का मौका ,
गवां दिया है हमने..-
बस जो बयां न हो पाये, उसे लफ्ज़ों में पिरो देती हूं... read more
भूल कर तुम्हारे,
सारे झूठे वादों को..
दिल से तुम्हें आज,
आज़ाद किया है..
भूल बैठे थे खुद को,
तुमसे इश्क़ जो इतना था..
कि अपनी गलतियों के लिए आज,
मैंने खुद को माफ किया है..!-
तुमको तो मिल जाएगा, चाहने वाला दूसरा...
हम वो वक़्त कहाँ से लाएंगे, हमने जो तुमपे बर्बाद किया है..!!-
कुछ इसलिए भी नहीं करते हैं हाल-ए-दिल बयां अब हम,
लोग बहाना वक़्त का बना के, नज़रअंदाज़ करने लगते हैं..!!-
मैने अक्सर देखा है,
लोग दोहरे चहरे रखते हैं..
दिल में ज़हर भरकर,
शहद सी बातें करते हैं..-
मेरी नज़रों से एक बार ज़रा,
नज़रें तो मिल लो अपनी..
इन आंखें में तुमको,
तुम्हारा ही अक्स नज़र आएगा..!!-
अब रोज़ तुमसे, बातें नहीं होती...
सपनों में, मुलाकातें नहीं होती..
अब तुम्हारी एक झलक पाने को,
मेरा दिल मचलता नहीं है..
तुम याद तो आते हो मगर अब,
मेरे चेहरे पर मुस्कान नहीं होती..!!-
इतना उलझ कर रह गयी है ज़िन्दगी अपनी..
ज़िन्दगी को ज़िन्दगी की आदत नहीं हो जैसे ...-
सिर्फ पा लेना ही नहीं होती है मोहब्बत...
मैंने मीरा की लगन, राधा का इश्क सुना है।-
दिक्कत ये नहीं,
कि मेरे पास कोई है नहीं..
दिक्कत ये है, कि मैंने
तुम्हें अपना "सब कुछ" मान लिया है।।-