दिखती कहाँ अब वो परछाइयाँ
सदियाँ यादें तन्हाईयाँ
जान भूजकर कर कि गयी हैं
दूरियाँ बर्बादियाँ रुसवाईयाँ
ज़िंदगी में दस्तक उसकी जैसे
खुशियाँ बहारें पुरवाईयाँ
ज़हन में रहने लगा बनके कोई
फ़िक्रे उलझने अंगड़ाईयाँ
अब दूर तक नज़र नहीं आती
खूबियाँ खुशियाँ शहनाइयाँ
अब ये ही है बचा हमारे दरमियाँ
दूरियाँ कड़वाहट गहराईयाँ
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Chirag Sharma
(© च़राग)
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From - ( AGRA )
https://www.facebook.com/sam07max
Born day 07 MARCH
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Joined 25 April 2017
14 NOV 2023 AT 14:41
12 OCT 2022 AT 3:23
और गलती से भागे कौन
दौड़ लगी है गलत करने की
गलत ना करना ये जानें कौन-
30 AUG 2021 AT 23:50
ख़ुदा इतना भी मुझे समझदार ना बनाए
कि उस के हर इम्तिहान मेरे हिस्से आए-
12 AUG 2021 AT 15:00
झूठा वादा झूठा नारा,झूठा उसका चेहरा
उस पर भी लगा रखा है सवालों पे पेहरा-
11 AUG 2021 AT 14:52
दिल-लगी, दिल-लगी, दिल-लगी
इश्क़-ए-लुफ्त में चोट दिल को लगी
अब बात मेरी वो सुनते ही कहाँ हैं
कोई बात उनको मेरी,दिल पे लगी
मचलती आहों को राहत तो होगी
आरजू उनकी थी तो की दिल-लगी
भूलना इतना आसान होता है क्या
तो तूने भूल से की होगी दिल-लगी
हंस के कहा था तूने चले आएंगे हम
याद आज भी उनकी है दिल से लगी-
29 JUN 2021 AT 13:41
इंसान नदीदा हसरतों की दौड में अंधा है
गाँव से शहर को दौडा, कैसा बंदा है-