सपना की होर में मैंने भी एक सपना देखा।
सपना भी मेरा तब टूटा!
जब सपना हकीकत बन के मुझे अपना देखा।।-
बात अगर सही ग़लत की होतो, वो बस एक पहलू है!
क्योंकि आज फिर,,
रुपया जीत गया और रिश्ता हार गया!-
माना कि तेरी दीद के क़ाबिल नहीं हूँ मैं
तू मेरा शौक़ देख मेरा इंतिज़ार देख-
ये रिश्ता अब पुराना हो गया,
क्रिकेट की दुनिया में,
मैं भी अब अनजाना बन गया ।💔-
तुम्हारी लौट जाने की ख़बर बहुत अचानक आई हैं।
शायद इतनी तकलीफ
हार्ट अटैक आने का भी ना हों।-
ये शर्द मौसम, रिमझिम बरसात, ठंडी हवाएं कुछ इशारा देती है,
वैसे अब वो शहर में नही रही, मगर
ये हमे पहली मुलाकात याद दिलाती हैं।-
शहर में जोरों का आंधी आई हुई हैं।
जरा पता करो कोई,
कहीं,, वो मोहतरमा अपनी शहर लौट आई है??-
आज जोरों का आंधी आई हुई है,
सुना है,
वो मोहतरमा अपनी शहर लौट आई है।।-
तुम्हें संभालू तो हमपर जुल्म के आरोप लग रहे हैं,
तुम्हें निहारूं तो हमपर उंगलियां उठ रही हैं,
तुम्हें बताऊं तो हमपर चिल्लाने के आरोप लग रहे हैं,
तुम्हें समझाऊं तो हमपर ही गुस्सा उठ रही हैं,
मेरी जान,,
तुम्हें मोहब्बत भी करूं तो हमपर जिस्मानी के आरोप लग रहे हैं।।
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ना तुम कभी समझी,
और न ही तुमने हमे बताया।
तुम खुद में अटी रही,
हम तुम्हे समझाते रह गये।
तुम खुद में समाने लगी,
हम बर्बाद होते गए।
तुम अब खुद की दुनिया बना ली।
और हम उस दुनिया में बदनाम होते रह गए।।
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