Chinmayi Bivash  
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Joined 13 January 2018


Joined 13 January 2018
13 AUG 2022 AT 15:00

To Dear parents

Thank you all for the care, commitment , understanding shown during my immense health crisis during this week ..... I thank to each and every parents associated to our coaching institute ...…

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19 JUN 2022 AT 20:45

अपने पिता के लिए क्या स्टेटस लगाउ यारों
आज जो भी स्टेटस है , उन्ही के बदोलत है ।।।।

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12 JUN 2022 AT 17:41

किसी साधक ने ओशो से पूछा - राजनैतिक लुच्चे-लफंगों से देश को छुटकारा कब मिलेगा? ओशो ने कहा - "बहुत कठिन है? क्योंकि प्रश्न राजनेताओं से छुटकारे का नही है, प्रश्न तो तुम्हारे अज्ञान के मिटने का है ? तुम जब तक अज्ञानी हो, कोई न कोई तुम्हारा शोषण करता ही रहेगा ! कोई न कोई तुम्हे चूसेगा ही ! पंडित चूसेंगे , पुरोहित चूसेंगे , मुल्ला-मौलवी चूसेंगे , राजनेता चूसेंगे ! तुम जब तक जाग्रत नही हो, तब तक लुटोगे ही ? फिर किसने लूटा, क्या फर्क पड़ता है ? किस झण्डे की आड़ में लुटे, क्या फर्क पड़ता है ? समाजवादियो. से लुटे कि साम्यवादियों से, क्या फर्क पड़ता है ? तुम तो लूटोगे ही ! लूटेरों के नाम बदलते रहेंगे और तुम लुटते रहोगे ! इसलिए ये मत पूछो कि राजनैतिक लुच्चे-लफंगों से देश का छुटकारा कब होगा? यह प्रश्न ही अर्थहीन है ? ये पूछो कि मै कब इतना जाग सकूँगा कि झूठ को झूठ की तरह पहचान सकूँ ? और जब तक सारी मनुष्य- जाती झूठ को झूठ की भाँति नही पहचानती, तब तक छुटकारे का कोई उपाय नही है !

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12 MAY 2022 AT 22:25

इस दुनिया मे सीधा सीधा कुछ नहीं होता है साहब जिंदगी मे
मै एक बगीचे मे गया । मैने पेड़ पर दूर से फल देखा
अब फल को देखा मेरे आँखों ने, लेकिन लालच जागा मन मे , लेकिन मन तो वाहा जा नहीं सकता तो गया वहा मेरे पैर , अब पैर तो फल तोड़ नहीं सकते तो तोरा मेरे हाथों ने ,अब रही बात हाथ तो हाथ फल खा नहीं सकते तो खाया मेरे मुहं ने , अब मुहं फल रख नहीं सकते तो रखा मेरे पेट ने , और यह सब होते देखा माली ने ,माली को आया गुस्सा ,उसने मारा डंडा मेरे पीठ मे ,जबकी पीठ का इस पूरे कांड से लेना देना नहीं था ,डंडा मारा पीठ मे आंसु आया आँख से ,क्योँकि सुरु मे आँखों ने फेखा था फल को ।।।।।।

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1 MAY 2022 AT 8:38

किसी को क्या बताएँ कितने मजबूर है हम
बस इतना समझ लीजिये की मजदूर है हम ।।।।

मजदूर दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएं

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28 JAN 2022 AT 11:52

" दौर-ए-इलेक्शन मे कहाँ कोई इंसान नज़र आता है,
कोई हिन्दू कोई दलित तो कोई मुसलमान नज़र आता है।
बीत जाता है जब इलाकों मे इलेक्शन का दौर...
तब हर शख़्स रोटी के लिये परेशान नज़र आता है।

— % &

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7 JUL 2021 AT 15:36

पर्दा गिरने के बाद भी तालियां बज रही है
लगता है कोई जिन्दगी का किरदार अच्छे से निभा गया ।।।

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27 JUN 2021 AT 12:53

राहें उल्फत में कई मुकाम आया
हजारों कारवां बनाया
हजारों हमदम बनाया
गम इस बात की है
एहले वफ़ा किसी ने ना बनाया ।।।।।

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9 FEB 2021 AT 13:00

प्यार का हफ्ता है या
फीर हफ्ते भर का प्यार ।।।।
मिठास का हफ्ता चल रहा है या
फीर हफ्ते भर का मिठास ।।।।।

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27 OCT 2020 AT 12:53



"मुझे पत्थर बनाने में उसका बड़ा हाथ है,
जिसे मैं कभी फ़ूल दिया करता था !!"l

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