यूँ तो जैसे एक अरसा बीत गया,
यूँ तो जैसे कल ही की बात हो...
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tumhāre shahr kā mausam baḌā suhānā lage,
maiñ ek shaam churā luuñ agar burā na lage
©-QAISAR-UL-JAFRI ji-
aap daulat ke tarāzū meñ diloñ ko tauleñ,
ham mohabbat se mohabbat kā sila dete haiñ...
©SAHIR LUDHIANVI JI-
अजीब लोग हैं मेरी तलाश में मुझको,
वहाँ पर ढूंढ रहे हैं जहाँ नहीं हूँ मैं,
मैं आईनों से तो मायूस लौट आया था,
मगर किसी ने बताया बहुत हसीं हूँ मैं।
©Rahat Indori ji-
अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए।
जिसमें इंसान को इंसान बनाया जाए।
जिसकी ख़ुशबू से महक जाय पड़ोसी का भी घर
फूल इस क़िस्म का हर सिम्त खिलाया जाए।
आग बहती है यहाँ गंगा में झेलम में भी
कोई बतलाए कहाँ जाके नहाया जाए।
प्यार का ख़ून हुआ क्यों ये समझने के लिए
हर अँधेरे को उजाले में बुलाया जाए।
मेरे दुख-दर्द का तुझ पर हो असर कुछ ऐसा
मैं रहूँ भूखा तो तुझसे भी न खाया जाए।
जिस्म दो होके भी दिल एक हों अपने ऐसे
मेरा आँसू तेरी पलकों से उठाया जाए।
गीत उन्मन है, ग़ज़ल चुप है, रूबाई है दुखी
ऐसे माहौल में ‘नीरज’ को बुलाया जाए।
-© Gopaldas ji Neeraj
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Meri baahon ko aaj Bana lo taqia apna,
Aur mujhe ijazat do tumme sone ki...
-"Deewana"
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क्या कहें की कितने सुकुं में थे,
अपनी ग़लतफहमियों की संगत में हम,
हकिक़त से तूने ए ज़िन्दगी,
रूबरू करा करके अच्छा नहीं किया...
-"दीवाना"-
तुम पुछते हो तो बता देता हूँ ,
की दिखने मे जितना लगता हूँ ,
उतना "मर्द" नहीं हूँ मैं,
कोई जब मुझपर कसता है तंज,
उड़ता है मेरा मज़ाक, और करता
है मेरी खिंचाई,
तो बड़ी मुशकील से मर्द होना,
प्रतित कर पाता हूँ,
की जैसे कुछ हुआ ही नहीं,
और कोई फर्क नहीं पढ़ता मुझे...
-"दीवाना"-
Khud ko Roz Marta dekh Tang aa Gaya hun ae zindagi,
Munasib hoga ki ab to Mujhe jaagne ke ek mauka de...
_Deewana-
Empty stomachs and Rusted guns serves no purpose in the process of revolution to strengthen the nation.
© Chinmay Singh Tanwar-