तस्वीरें मिटा दी हैं तेरी ये यादें मिटाना मुमकिन है क्या... बेवफ़ाई तूने की बदनाम हम ना हो मुमकिन है क्या... सपने जन्मों के बुन कर पल भर में मिटाना मुमकिन है क्या... तुझे देख कर बाहों में किसी के उठे ना टीस दिल में मुमकिन है क्या... दूर हो गए हैं तुझसे बेशक़ पर भुलाना यूँही मुमकिन है क्या....?