Chhaya Wangde   (छाया वांगडे)
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Joined 11 November 2019


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17 OCT AT 8:21

सुनहरे ख़्वाब हैं
जो सूरज की किरणों में
लपेटे छू जाते हैं
मन की उस भावना को
जहाँ जीतने का हौसला
सांसों से बंधा हैं
जन्म की इस कहानी के
अंत तक
ना हारने की कसम लिए।

-


17 OCT AT 8:11

विचारों की हैं शृंखला
जो प्रभावित होकर
मेरे ख्वाबों को हकीकत
से जुड़ने में मुझे मदद करती हैं।

-


13 OCT AT 3:08

शब्दांचा धरून हात
ओळीत बसवताना
तयार होतं कडवं
चार ओळींचं घडवताना..

कवितेची एक ओळ
बसते कधी रूसून
जुळत नाहीत शब्द
हात धरत नाहीत हसून..

कधी जमवाजमव शब्दांची
मनाजोगी करताना
एक ओळ बिघडतेच
आवेश व्यक्त करताना..

एक ओळ कवितेची
महत्त्वाची असताना
अपूर्ण एक काव्य
स्वरूप पूर्ण मांडताना..
-छाया वांगडे

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7 OCT AT 23:56

कुछ अनकही सी बातें
यादों की कहानी में
लफ़्ज खामोशी की सिलवट लिए 
गुमनाम होटों के पिछे...

कुछ अनकही सी बातें
भूली ना भूलनेवाली..
अपनेपन का एहसास दिखाकर
साथ हमेशा रहनेवाली..

कुछ अनकही सी बातें
शर्म का नकाब ओढे
मजबूर कर दिल को आज भी
उदासी का चोला पहने..

कुछ अनकही सी बातें
दिल पर हक जताये
कोसती हुई सताती मन को
आंखों में आंसू लाए..
-छाया वांगडे

-


3 OCT AT 8:11

सपनों की डोर पकडे
जैसे आशा हैं पल्लवित।
ना हारने का व्रत लिए
कृती को करे प्रज्वलित।

फिर देखना ख्वाब
साकार होते नज़र आएंगे।
इसी किस्मत के चमकते
सितारे नज़र आएंगे।

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28 SEP AT 17:40

साथ तो इस पल का है, मिलन कई जन्मों का
हाथों में हाथ लिए इक रिश्ता रूहानी वचनों का।

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27 SEP AT 17:12

घट बसता अंगणी
नवरात्रीचा जागर
फेर धरूनिया गोल
होई गरबा सादर..||१||

स्तुती मातेची वर्णू या
सई गाऊन भक्तीत
ताला सुरात रमता
दिसे रूप ते शक्तीत..||२||

रात्र जागवण्या आई
रूप शौर्याचंच मनी
गरब्याच्या खेळाला गं
जमल्यात साऱ्याजणी..||३||

साज शृंगार करून
गाली चढलाय रंग
टाळीवर टाळी देत
पाय नाचण्यात दंग..||४||

नृत्य ताला सूरातलं
असा सोहळा तृप्तीचा
गरबा आणि भोंडला 
खेळ चैतन्य वृत्तीचा..||५||

रमताना गरब्यात
हर्ष आनंदाचा क्षण
विश्व आईच्या चरणी
सांगे विजयात मन..||६||
-छाया वांगडे

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27 SEP AT 16:56

अपने ही आप में इक हसीन सौगात लिए
कुछ गुज़रे लम्हें फिर से यादों में याद आए।

दिल की गहराई में छिपे कुछ बरसों पुराने
उम्र भर बातों में रहें सदियों से पल दिवाने।

किसी हकदार की तहत हक जताने के लिए
कुछ गुज़रे लम्हें फिर से यादों में याद आए।

इख़्तियार या ना भूलने का वादा है कोई गहरा
कुछ तो है उन संग दिल पर यादगार सा कोई पहरा।

बिते हुए पलो को इस तरह पलकों पर सजाए
कुछ गुज़रे लम्हें फिर से यादों में याद आए।

अक्सर अकेलेपन में उनका साथ साथ है चलना
इक हंसी और आंसू संग उन लम्हों से प्रीत रखना।

साजिश है दिल की हम भूलने से ना भूल पाए
कुछ गुज़रे लम्हें फिर से यादों में याद आए।
-छाया वांगडे

 

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24 SEP AT 0:45

आदिमाया आदिशक्ती
तू माता माय स्वरूपातली
लेकरू तुझ्या चरणी मी
जागव भक्ती माझ्या मनातली..

तूच अंबा तू भवानी
जगदंबा तू चराचरातली
दास तुझ्या पायाची मी
जागव आशा तू घराघरातली..

तूच दुर्गा अन् तू चामुंडा
कालिका रौद्र रूपातली
वरदानात शक्तीच्या माते
जागव ज्वाला तुझ्या अंशातली..

तूच लक्ष्मी अन् सरस्वती 
जगत जननी तू विश्वातली
आईपणाच्या आशीर्वादी 
उभी पाठीशी देवी मातृत्वातली..

नव रूपात उजळून टाक
माते ज्योत अंतर्मनातली
शक्ती भक्तीचा अविष्कारात
पेटव मशाल माझ्या अंतःकरणातली..
-छाया वांगडे

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24 SEP AT 0:34

वैसे प्रेम बंधन तो नहीं है
हां! मगर चाहत हो बेमिसाल।
हर एक सपना सोहबत का
सागर की तरह गहरा और विशाल।

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