जब से मिले हो
मैं बदलने लगी हूं
टुटी थी कुछ
अब जुड़ने लगीं हूं
मिले हो जो तुम
अब संवरने लगी हूं
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Padhna mujhe, Mai tmhare Dil ka khayal likhti hu
ना कहानी,ना किस्सा है , ना मुझे तेरी इच्छा है
तु ही बता, तु कितनों की अधुरी कहानी का हिस्सा है-
दिल की बात आज जुबां पे लायेंगे
आज ये दुनिया बदल के जायेंगे
लड़कियों को कमजोर समझने वाले सुन लो
आज तो तुम्हें तुम्हारी औकात दिखायेंगे-
मैं तो चांद हूं , अमावस्या आतें ही छिप जाऊंगी
तुम हौसला रखना हाथ थामने का , मौसम साफ होते ही यकिनन लौट आऊंगी।।-
किसी ने सच कहा है
बेवफाई में लोग कितने बदल से जाते है
बातों में कटाक्ष, समुद्र से गहरी आंखें , और दिल पत्थर सा हो जाता है।।-
लिखना था मुझे तुम्हें
अब ना लिखने के बहाने बना रहीं हूं
कोई तो बताओ , तुमसे वफ़ा की
कौन सी कीमत चुका रही हूं ।।-
दिल के अरमानों को मिटा रहीं हूं
जाना हैं दूर अब खुद को समझा रहीं हूं
लिखने निकलीं थी मोहब्बत की कहानी
अब टुटे दिल के हाल सुना रहीं हूं ।।-
चलो पहली बारिश में भीग लेते हैं।
कुछ अनकही बातों को सुन लेते हैं।।
जो गरजने लगे बादल तो सिने से लग जाना मेरे
चलो पहली बारिश में भीग लेते हैं ।।। Continue-